प्रधानमंत्री मोदी और उनकी कार्यशैली को लेकर अक्सर उनके विरोधी भी उनकी प्रशंसा करने से नहीं चूकते। बीते दिनों की बात है जब कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिंदबरम ने मोदी सरकार की सराहना में कहा कि इस सरकार में अगर कुछ लागू करना हो तो उसे अच्छी तरह से लागू किया जाता है। लेकिन अब बीजेपी सरकार के कायल पी चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस नेता कीर्ति चिदंबरम भी हो गए हैं। आलम ऐसा की उन्होंने घोर बीजेपी विरोधी स्टालिन सरकार को बीजेपी शासित राज्य से कुछ सीखने की नहीहत तक दे दी है।
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कार्ति ने क्या कहा
कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम ने एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार से कचरा प्रबंधन और शहरी स्वच्छता में भाजपा शासित इंदौर से प्रेरणा लेने का आग्रह करके एक बहस छेड़ दी है। चेन्नई निगम के नागरिक प्रबंधन की तीखी आलोचना करते हुए चिदंबरम ने एक पोस्ट लिखा है। चेन्नई नगर निगम के नागरिक प्रबंधन की तीखी आलोचना करते हुए चिदंबरम ने एक्स पर लिखा कि क्या चेन्नई कॉरपोरेशन पिछले अध्ययन दौरों से सीखी गई एक भी बात बता सकता है और उसका क्रियान्वयन भी कर सकता है? खराब कचरा प्रबंधन, आवारा कुत्ते और मवेशी, टूटे हुए फुटपाथ और गड्ढों वाली सड़कें चेन्नई की पहचान हैं। तमिलनाडु के हालात पर तंज कंसते हुए उन्होंने वेस्ट मैनेजमेंट सीखने के लिए इंदौर जाने की सलाह दी है। उनकी टिप्पणी नम्मा चेन्नई की एक पोस्ट के जवाब में आई, जिसमें विश्व बैंक के समर्थन से मई में बार्सिलोना जैसे यूरोपीय शहरों में चेन्नई के अधिकारियों की प्रस्तावित यात्रा पर प्रकाश डाला गया था। इस तरह के अध्ययन दौरों की प्रभावशीलता पर संदेह व्यक्त करते हुए, चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या पिछले अंतरराष्ट्रीय दौरों से चेन्नई के नागरिक बुनियादी ढांचे में कोई ठोस सुधार हुआ है।
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इंदौर: स्वच्छता के लिए एक आदर्श
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर ने 2025 तक लगातार सात वर्षों तक ‘भारत का सबसे स्वच्छ शहर’ का खिताब जीता है, जो इसे शहरी स्वच्छता के लिए एक बेंचमार्क बनाता है। शहर में 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रह, स्रोत पर सख्त कचरा पृथक्करण और कुशल अपशिष्ट प्रसंस्करण की एक मजबूत प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसमें एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी प्लांट भी शामिल है जो गीले कचरे को ईंधन में परिवर्तित करता है। इंदौर नगर निगम (IMC) कूड़ा फेंकने पर सख्त दंड लागू करता है, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाता है और मशीनीकृत सफाई और नाली के रखरखाव के साथ चौबीसों घंटे सफाई सुनिश्चित करता है। व्यापक जागरूकता अभियान, नागरिक प्रतिक्रिया ऐप और समुदाय द्वारा संचालित शून्य-अपशिष्ट पहल के साथ सार्वजनिक भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।