सुप्रीम कोर्ट 1 फरवरी को जिला न्यायपालिकाओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा। सम्मेलन में चार तकनीकी सत्र शामिल हैं, जिनमें से पहले की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना करेंगे, ताकि समय पर और कुशल न्यायिक सुधार लाने के लिए प्रत्येक उच्च न्यायालय के अनुभव और ज्ञान को एक साथ लाया जा सके। पहले सत्र में राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली समिति द्वारा तैयार 2024 के लिए नीति और कार्य योजना के कार्यान्वयन पर भी चर्चा होगी, जो मामले के निपटान में बाधाओं की पहचान करती है और मामलों के बैकलॉग को कम करने के लिए रणनीति प्रदान करती है।
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पारिवारिक अदालतों और विशेष अदालतों के कामकाज से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने, शाम की अदालतों की व्यवहार्यता तलाशने और वैकल्पिक विवाद समाधान तरीकों के माध्यम से मामलों के निपटान में तेजी लाने पर भी चर्चा की जाएगी। दूसरे सत्र की अध्यक्षता न्यायमूर्ति बी आर गवई करेंगे और इसमें मामलों के वर्गीकरण और न्याय वितरण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर विचार-विमर्श होगा।
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सत्र में ई-के प्रभावी उपयोग के साथ-साथ डिजिटल कोर्ट, सॉफ्टवेयर, ई-फाइलिंग, वर्चुअल कोर्ट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ट्रांसक्रिप्शन सुविधा आदि जैसी सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को शामिल करते हुए प्रत्येक मामले की श्रेणी के लिए समान नामकरण और कोड पर चर्चा करने का प्रस्ताव है।