महाकुंभ में मची भगदड़ पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का बड़़ा बयान सामने आया है। रवींद्र पुरी ने कहा कि हमने देश से लेकर दुनिया भर तक सभी से इस भव्य महाकुंभ को मनाने की अपील की। यह हमारी गलती नहीं थी लेकिन ‘जो सनातन विरोधी थे उनकी नजर हमारे मेले को लग गई’। उन्होंने गलत सूचना फैलाई – कुछ वामपंथी YouTubers आए और महाकुंभ और हमारे संतों की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। कई नेताओं ने महाकुंभ की छवि खराब करने की कोशिश की।
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रवींद्र पुरी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह (भगदड़) उनकी साजिश हो सकती है। उनकी जांच होनी चाहिए और सनातन पर सवाल उठाने वाले सभी लोगों से पूछताछ होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.के. सिंह शामिल हैं।
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एक अधिकारी ने बताया कि यह आयोग यहां संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है। हम दिन में घटनास्थल का भी दौरा कर सकते हैं।” महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन से काम शुरू कर दिया। अधिकारी ने कहा, “आयोग को जांच करने के लिए एक महीने का समय मिला है, लेकिन यह तेजी से जांच कर करेगा।” पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई। इस घटना में 30 लोगों की जान चली गयी जबकि 60 लोग घायल हुए थे।