महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर मुंबई स्थित ठाकरे परिवार के आवास मातोश्री का दौरा किया। इस मुलाकात को दोनों नेताओं के बीच तनाव कम होने और संबंधों में सुधार का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
राज ठाकरे के साथ मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे। मातोश्री के अंदर, राज और उद्धव ने स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के साथ एक संयुक्त तस्वीर खिंचवाई। मनसे प्रमुख ने बालासाहेब ठाकरे की प्रतिष्ठित कुर्सी पर आशीर्वाद लेकर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
राज-उद्धव की मुलाकात के राजनीतिक मायने क्या?
इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब महाराष्ट्र में आगामी चुनावों की सरगर्मियां तेज हैं। राज ठाकरे ने आखिरी बार औपचारिक रूप से 2012 में बालासाहेब ठाकरे के अंतिम दिनों में मातोश्री का दौरा किया था। इसके बाद, उन्होंने जनवरी 2019 में अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी में उद्धव और उनके परिवार को आमंत्रित करने के लिए एक संक्षिप्त यात्रा की थी।
यह मुलाकात हाल ही में मुंबई में एक सार्वजनिक रैली में दोनों नेताओं की संयुक्त उपस्थिति के बाद हुई है। इस महीने की शुरुआत में, दोनों चचेरे भाईयों ने लगभग 20 सालों में पहली बार एक राजनीतिक मंच साझा किया था। इस रैली में वे मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा को ‘थोपे जाने’ के विरोध के मुद्दे पर एक साथ आए थे। उन्होंने वर्ली में एक रैली को संबोधित किया, जहां उद्धव ठाकरे ने आगामी नगर निगम चुनाव साथ मिलकर लड़ने की संभावना का भी संकेत दिया।
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‘ट्रेलर’ और ‘शुरुआत’ का संकेत
विजयी सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं, हम मराठी की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि हमारा साथ आना तो बस एक ट्रेलर है। यह तो बस शुरुआत है।’ यह बयान भविष्य में संभावित गठबंधन की ओर स्पष्ट इशारा करता है। इसी कार्यक्रम में, राज ठाकरे ने एक दिलचस्प टिप्पणी करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें और उद्धव को एक साथ लाकर वह कर दिखाया है जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए।
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आगामी चुनावों और गठबंधन की रणनीति
29 नगर निगमों के आगामी चुनावों का ज़िक्र करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की कमान संभालेंगे। इससे पहले, नासिक ज़िले के इगतपुरी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान, राज ठाकरे ने सदस्यों से कहा था कि शिवसेना (यूबीटी) के साथ संभावित गठबंधन के बारे में कोई भी निर्णय ‘उचित समय’ पर लिया जाएगा।
राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे का गठन किया था। तब से, दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत दूरियां बढ़ती गईं और पिछले कुछ वर्षों में उनके बीच प्रत्यक्ष बातचीत बहुत कम हुई। अब, यह मुलाकात और सार्वजनिक मंच पर उनकी एकजुटता, महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दे सकती है।