अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रेडिटजीवि बनने की पूरी कोशिश में लगे रहते हैं। उन्होंने नोबेल प्राइज चाहिए था, लेकिन वो मिल न सका। लेकिन काम उन्होंने अभी भी नहीं छोड़ा है। शांति के प्रयासों में वो लगे हुए हैं और अगर आपको ये यकीन नहीं होता तो मिस्र से आई खबर इसकी बानगी है। जहां ट्रंप डंके के बीच ऐलान कर रहे हैं कि गाजा और इजरायल के बीच का युद्ध उन्होंने खत्म करवा दिया। इसके बाद जब वो भाषण दे रहे हैं तो पाकिस्तान को भी सलाह देते नजर आए हैं। तभी अचानक वहां एक ऐसा मौका भी आया जिसे जानकर आप भी अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। जैसे किसी बच्चे से बड़े अभिवावक कहते हैं न कि अच्छे बच्चे की तरह अब तुम नहीं लड़ाई करोगे। उसी तरह ट्रंप ने शहबाज शरीफ से कहा कि अच्छे से रहोगे तो उन्होंने कहा जी बिल्कुल अच्छे से रहेंगे।
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डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर गाजा-इजरायल के बीच युद्ध विराम कराने का क्रेडिट लिया है। हालांकि मिस्र में जब ये समझौता हुआ तो हमास की तरफ से कोई नहीं था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि एकतरफा कैसे ये समझौता हो सकता है। या फिर ये भी कुछ दिनों की शांति है। गाजा में शांति स्थापना को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर गंभीर चर्चा चल रही थी। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मौके को एक बार फिर ट्रंप की चापलूसी में बदल दिया। शांति शिखर सम्मेलन के मंच से शहबाज ने ट्रंप को शांति का मसीहा घोषित करते हुए न सिर्फ उनकी तारीफों के पुल बांधे बल्कि एक बार फिर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का प्रस्ताव भी दे डाला।
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शहबाज की ये भाषणबाजी सुनकर वहां मौजूद कई नेता हैरान रह गए। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का चेहरा भी ये सुनते हुए कुछ कह रहा था कि मानो कुछ सोच रही हो कि ये मंच गाजा के लिए है या ट्रंप के लिए। शहबाज शरीफ ने अपने भाषण की शुरुआत ट्रंप के गाजा के लिए किए अथक प्रयासों की तारीफों से की और कहा कि आज का दिन समकालीन इतिहास का सबसे महान दिन है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों से गाजा में शांति आएगी। यही नहीं उन्होंने दावा किया कि ट्रंप की टीम ने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका और फिर युद्ध विराम करवाकर दक्षिण एशिया में शांति ला दी। यानी एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत पाक संघर्ष में ट्रंप को झूठा क्रेडिट थमा दिया।
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पाकिस्तान अपने झूठ से इस बार भी दुनिया को गुमराह कर रहा था। शहबाद अपनी चापलूसी में लगे हुए थे। लेकिन ये देखकर सभी नेता असहज हो रहे थे। मेलोनी का रिक्शन भी अपने आप में बहुत कुछ बयान करता है। ऐसे में सवाल ये है कि जिस मंच पर गाजा जैसे गंभीर मसले पर चर्चा होनी है। वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत पाक संघर्ष को घसीटते हुए ट्रंप को हीरो बनाने की कोशिश में लगे रहे।
Pakistan Başbakanı Şahbaz Şerif, Trump’ı gelecek sene için yeniden Nobel’e aday gösterdi ve “o en muhteşem aday” diye övdü.
🎙️Bu sırada en çok konuşulan ise, Şerif’in açıklamasını arkasında dinleyen İtalya Başbakanı Meloni’nin verdiği tepkiler oldu. pic.twitter.com/bjF6OPxflr
— Punto Haber (@punto_haber) October 14, 2025