अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके जॉन बोल्टन पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया गया कि उन्होंने गोपनीय सरकारी दस्तावेज अपने घर में रखे और सरकारी कामकाज से जुड़े गोपनीय विवरण अपने परिजनों के साथ साझा किए।
बोल्टन पर 18 आरोपों वाले अभियोग पत्र में यह भी कहा गया है कि ईरान से जुड़े हैकर्स ने बोल्टन के ईमेल अकाउंट को हैक कर गोपनीय सूचनाओं तक पहुंच बनायी।
बोल्टन ने 2021 में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) को अपने ईमेल हैक किए जाने की सूचना दी थी लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि उन्होंने उस अकाउंट से गोपनीय जानकारी साझा की थी जो अब हैकरों के हाथ लग गई।
यह मामला रिपब्लिकन पार्टी के विदेश नीति के विशेषज्ञों में से एक बोल्टन पर केंद्रित है, जो अपनी कठोर विदेश नीति और युद्ध समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में वह एक साल से अधिक समय तक उनके साथ रहे लेकिन 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में उन्होंने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए किताब प्रकाशित की।
पिछले एक महीने में ट्रंप के किसी आलोचक के खिलाफ दर्ज यह तीसरा मामला है। बोल्टन ने बृहस्पतिवार को इन आरोपों से इनकार किया और इसे ‘‘ट्रंप द्वारा अपने विरोधियों को डराने का प्रयास’’ बताया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं न्याय विभाग के राजनीतिक हथकंडे का नया शिकार बन गया हूं।’’
अभियोग के अनुसार, 2018 से लेकर अगस्त 2024 तक बोल्टन ने अपने दो परिजनों के साथ 1,000 से अधिक पन्नों की गोपनीय जानकारी साझा की जिनमें अति गोपनीय बैठकों, खुफिया रिपोर्टों और विदेशी नेताओं से बातचीत के विवरण शामिल थे।
इन दस्तावेजों में से कुछ में विदेशी दुश्मनों की सैन्य योजनाएं, गुप्त अमेरिकी अभियान और हमलों की जिम्मेदारी से जुड़ी सूचनाएं थीं।