गाजा में दो साल से चल रहे युद्ध को रोकने के लिए हुए समझौते के तहत हमास ने सभी 20 बचे हुए जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया, जबकि इस्राइल ने 1,900 से अधिक फलस्तीनी कैदियों को आजाद किया। तेल अवीव में होस्टेज स्क्वेयर पर हजारों लोग बंधकों की वापसी का जश्न मनाने जुटे। वे इस्राइली झंडे लहराते हुए नारे लगाते हुए कह रहे थे कि यह नश्न दुश्मनों की मौत का नहीं, अपनों की जिंदगी की जीत का है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह इजिप्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिले। कीर्तिवर्धन गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की जगह राज्य मंत्री को भेजना एक गलत कूटनीतिक कदम था, खासकर तब जब शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति देखी गई।
विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करता है और आशा करता है कि इससे क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “यह बातचीत और कूटनीति के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
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भारत ने राज्य मंत्री हर्षवर्धन को शिखर सम्मेलन में भेजकर दिए तीन संदेश
ट्रंप को ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं भारत: प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर के जूनियर को गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भेजने का फैसला किया। यह अच्छी तरह जानते हुए कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हाथ मिलाने और फोटो खिंचवाने का मौका मिलेगा। ट्रंप पीएम मोदी की तारीफ करने का कोई मौका नहीं चूकते लेकिन वहीं कई अपुष्ट व्यापार मुद्दों पर भारत की आलोचना भी करते रहे हैं। शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना महान मित्र बताया, यह बात उन्होंने पहले भी कई बार कही है।
पाकिस्तान के साथ स्टेज शेयर नहीं: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद थी, जिससे ट्रंप और पाकिस्तानी नेता को एक कूटनीतिक फ़ोटो खिंचवाने का मौका मिला। इस संभावित कूटनीतिक असहजता को पहले ही टाल दिया गया। भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय युद्ध को सुलझाने के ट्रंप के बार-बार दावों की पृष्ठभूमि में यह महत्वपूर्ण है। दरअसल, ट्रंप के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत के दौरान, शरीफ़ ने भारत के साथ पाकिस्तान के विवाद को सुलझाने में उनके प्रयासों के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दियाथा। हालांकि सीजफायर को लेकर ट्रंप के दावे को नई दिल्ली ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
जियोपॉलिटिकल खेल में माहिर: मोदी सरकार ने जियोपॉलिटिकल कनेक्ट के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई और स्पष्ट रूप से कहा कि भारत शांति के पक्ष में है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत मध्य पूर्व में शांति और बातचीत व कूटनीति के ज़रिए मुद्दों के समाधान का पक्षधर है। हम राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करते हैं और इसे हासिल करने और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने में मिस्र और कतर की बहुमूल्य भूमिका के लिए उनकी सराहना करते हैं।