अमेरिका से आये 104 अवैध अप्रवासियों को सैन्य विमान से वापस हरियाणा के अमृतसर भेज दिया गया है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लाखों रुपए खर्च करके अवैध गधे के रास्ते अमेरिका गए। 14 महीने पहले आए अरुण और 5 महीने पहले आए अमन के परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं। उनके परिवार ने लाखों रुपए खर्च करके उन्हें अमेरिका भेजा। परिवार ने अपनी जमीन भी बेच दी थी। उनके परिवार वालों ने बताया कि अमेरिका पहुंचने में उन्हें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
अमेरिका से लौटने वालों में हरियाणा का अमन भी शामिल है जो पांच महीने पहले ही नाव से अमेरिका गया था। उनके पिता किसान हैं और उन्होंने अमन को अमेरिका भेजने के लिए 35 लाख रुपए खर्च किए थे। उसे अमेरिका भेजना आसान नहीं था। उन्होंने रिश्तेदारों और परिचितों से कर्ज लेकर अपने बेटे को अमेरिका भेजा।
अमेरिका पहुंचने पर घर में नजरबंद
अमन के परिवार को उम्मीद थी कि उनका बेटा अमेरिका जाएगा और पैसे कमाकर उन्हें घर भेजेगा। घर की स्थिति सुधर रही थी, लेकिन अमेरिका पहुंचते ही अमन को गिरफ्तार कर लिया गया। तब से अमन का परिवार कर्ज में डूबा हुआ है। अब उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए लाखों रुपए खर्च किये। लेकिन अब उनके सपने टूट चुके हैं। अमन की तरह हरियाणा के करनाल निवासी 24 वर्षीय अरुण भी अमेरिका से भारत लौटे हैं।
भूखे-प्यासे वे जंगल से होकर चले और नदी पार की।
हरियाणा के अरुण भी डंकी मार्ग से अमेरिका गए थे। अमन, जो अपने साथ कुछ सपने लेकर गया था, उसे भी भारत लौटना पड़ा। अरुण के भाई गौरव ने घटना को याद करते हुए बताया कि उनके भाई के लिए गधे के रास्ते अमेरिका पहुंचना बहुत कठिन था। कितने दिन वह भूखा-प्यासा रहा, जंगल में घूमता रहा, नदी पार करता रहा। इतना ही नहीं, जिस नाव में 15 से 16 लोग बैठ सकते थे, उसमें 20 से 25 लोगों को बिठाना बहुत मुश्किल काम रहा होगा। इन सभी खतरों के बावजूद वह अमेरिका पहुँच गये। पुलिस ने उसे वहीं गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन अब उनके सपने टूट चुके हैं। उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए अपनी सारी जमा पूंजी भी खर्च कर दी थी और एक सपना भी देखा था, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया और यह सपना टूट गया, उनका बेटा विदेश में रहकर पैसा कमाएगा और उसके परिवार का जीवन बेहतर होगा। लेकिन उसे वापस भेज दिया गया।
जमीन बेचकर 45 लाख खर्च किए
अरुण को विदेश भेजने के लिए परिवार ने अपनी आधा एकड़ जमीन भी बेच दी। उन्होंने 12 लाख का लोन भी लिया और किसी तरह 45 लाख जमा कर लिए। अरुण के पांच भाई-बहन हैं। वह अपने परिवार के लिए कुछ कर सकता था, अपने भाई-बहनों का भविष्य सुधार सकता था, अपना कल सुधार सकता था, लेकिन अरुण को नहीं पता था कि आने वाला समय उसके लिए दुखों से भरा होगा। अपने परिवार के साथ बेहतर जीवन की तलाश में घर छोड़ने वाले अरुण ने कभी नहीं सोचा होगा कि वह इस तरह देश लौटेंगे।