दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने अप्रैल 2024 में चुनाव आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के मामले में टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन समेत सभी 10 लोगों को बरी कर दिया है। इस मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। अदालत ने 8 अप्रैल, 2024 को भारत के चुनाव आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामले में नेताओं डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, डॉ. शांतनु सेन, अबीर रंजन बिस्वास, सुदीप राहा को समन जारी किया था।
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इससे पहले मई में राउज एवेन्यू कोर्ट ने डेरेक ओ ब्रायन, सागरिका घोष और साकेत गोखले सहित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेताओं को इस साल की शुरुआत में भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के बाहर उनके विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में जमानत दे दी थी। समन किए गए दस नेताओं में से नौ व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जबकि विवेक गुप्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कार्यवाही में शामिल हुए थे।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने पांच मौजूदा सांसदों को 10-10 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी, जबकि बाकी आरोपियों को 10 हज़ार रुपये के निजी मुचलके और एक जमानत पर रिहा कर दिया गया। यह मामला 8 अप्रैल, 2024 की एक घटना से संबंधित है, जब टीएमसी नेताओं ने कथित तौर पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए दिल्ली में ईसीआई के मुख्य द्वार के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार, नेताओं ने बार-बार चेतावनी के बावजूद तितर-बितर होने से इनकार कर दिया, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। 21 अप्रैल को अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र और शिकायत का संज्ञान लेने के बाद सांसद मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन और अन्य सहित दस नेताओं को समन जारी किया था। अदालत ने कहा कि उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 145 (अवैध सभा में शामिल होना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार मिले हैं।