Friday, July 18, 2025
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डॉ. राकेश मिश्र की पुस्तक “समिधा” का हुआ लोकार्पण, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया विमोचन

नई दिल्ली। शिक्षाविद डॉ. राकेश मिश्र की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘समिधा’ का लोकार्पण 17 जुलाई 2025 (गुरुवार) को देश की राजधानी दिल्ली में संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी के कान्वेंशन सेंटर में सम्पन्न हुआ। पुस्तक का लोकार्पण मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह मा. दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी ने की। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्र के लोग भारी संख्या में उपस्थित थे। प्रकाशित पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली के द्वारा किया गया है। महान राष्ट्रवादी चिंतक, प्रख्यात विधिवेत्ता एवं पूर्व सांसद श्रद्धेय बाल आपटे जी की पुण्य स्मृति दिवस को देखते हुए इसी तिथि को इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेखक डॉ. राकेश मिश्र 10 वर्षों तक स्वर्गीय आपटे के सहायक के रूप में उनके साथ रहे। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती निर्मला बलवंत आप्टे जी स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित न हो सकीं, लेकिन उन्होंने डिजिटल माध्यम से आशीष वचन देकर डॉ. राकेश मिश्र के एवं प्रो. आपटे जी की निकटता की चर्चा की। 
उपयोगी आलेखों का संग्रह है समिधा: दत्तात्रेय होसबाले जी डॉ. राकेश मिश्र द्वारा लिखी गई पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह मा. दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि इस पुस्तक में संकलित सभी 50 आलेख अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन की प्रमुख बातों को बेहद ही रोचक तरीके से दर्शाया गया है। प्रो. बाल आपटे जी को लेकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लेकर, सरदार वल्लभभाई पटेल सहित कई सामाजिक पहलुओं पर लिखी गई यह पुस्तक चेतना जागृत करेगी। विभिन्न विषयों पर चिंतन कर उसको पुस्तक का रूप देना एक बड़ी उपलब्धि है। इस संकलन के लिए डॉ. राकेश मिश्र के प्रयास की प्रशंसा करते हुए उनके सामाजिक एवं सांगठनिक कार्यों की भी चर्चा की।
श्री होसबाले ने प्रो. बाल आपटे जी के जीवन की कई पहलुओं की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर आलस, अहंकार, नफ़रत और स्वार्थ जैसे प्रदूषण को भी ठीक करने की जरूरत है क्योंकि अगर पर्यावरण को बदलने की बात है तो मनुष्य को भी अपनी जीवन शैली में बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने एक अच्छे मित्र की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि-  
“पापान्निवारयति योजयते हिताय गूह्यं निगूहति गुणान् प्रकटीकरोति ।
आपद्गतं च न जहाति ददाति काले सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः।।”
अर्थात अच्छे मित्र के ये छः लक्षण बताएं हैं। ये छः लक्षण जिसके अंदर होते हैं। वही सही अर्थों में मित्र कहलाने के योग्य है- जो पापों से बचाए, पाप कर्म करने से बचाए और अच्छे कर्मों में लगा दे। छिपाने योग्य बातों को छुपाए और हमारे गुणों को समूह में प्रकट करे। आपत्तियां आने पर कभी साथ ना छोड़े और समय आने पर भरपूर सहयोग करें। संत लोग अच्छे मित्रों के यही लक्षण बताते हैं।

*समग्रता का प्रतीक है समिधा: भूपेन्द्र यादव 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने डॉक्टर राकेश मिश्र को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों को पुस्तक के रूप में प्रतिपादित किया है, जो बताता है कि डॉ. राकेश मिश्र जी की राजनीतिक समझ और सामाजिक उपलब्धियाँ बहुत बड़ी हैं। उन्होंने कहा कि समिधा का अर्थ है अग्नि को लकड़ी, सुगंधित पदार्थ इत्यादि समर्पित करना। माननीय आपटे जी हमारे लिए बहुत आदर्श एवं  श्रेष्ठ व्यक्ति थे। वह अपने समय के बहुत ही पाबंद व्यक्ति थे। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आपटे जी के साथ रहकर सीखने के लिए बहुत कुछ सीखा और यह वह व्यक्ति थे, जिन्होंने भाजपा को संवारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राकेश जी ने पुस्तक में पर्यावरण को लेकर भी चर्चा की है और आज के दौर में पर्यावरण अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। पिछले 10 वर्षों में भारत ने कई कदम उठाए हैं, जैसे इंटरनेशनल सोलर बनाया जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है। इसमें 137 देश सहभागी हैं। हम एक पेड़ लगाकर धरती द्वारा जो जीवन हमें दिया गया है उसको हम थोड़ा बहुत जस्टिफाई कर सकते हैं। प्रकृति के प्रति हमारा कुछ कृतज्ञता है और उसी श्रंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ माँ के नाम जो अभियान चलाया उसके माध्यम से आज 140 करोड़ पेड़ पूरे देश भर में लगाये गए हैं।

“नई पीढ़ी को विरासत से अवगत कराएगी यह पुस्तक: डॉ. राकेश मिश्र”   

पुस्तक के लेखक डॉ. राकेश मिश्र ने कहा कि इस पुस्तक में राष्ट्रवादी विचारधारा के चिंतकों के व्यक्तित्व और कृतित्व को संकलित किया गया है। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी जी, महान राष्ट्रवादी चिंतक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी, भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी, प्रो. बाल आपटे, श्रद्धेय मदन दास देवी एवं श्री गोपाल जी व्यास के व्यक्तित्व पर केन्द्रित आलेख हैं। भगवान परशुराम, भगवान धन्वंतरि एवं महात्मा बुद्ध का स्मरण किया है। लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद किया है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व और कार्यों एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में देश के कुशल गृहमंत्री अमित शाह जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को भी आलेख के माध्यम से रेखांकित कराने का प्रयास किया है।
छात्रशक्ति, युवाशक्ति एवं नारी शक्ति की महत्ता, योग एवं पर्यावरण के महत्व, देवभाषा संस्कृत और राष्ट्रभाषा हिन्दी को लेकर आलेख इस पुस्तक में संकलित है। इस अवसर अपने तपस्वी पूज्य पिता पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दा जी) एवं माता श्रीमती शांति मिश्रा जी को याद करते हुए भावुक होते हुए डॉ. राकेश मिश्र ने कहा कि उन्हीं से मिले आशीर्वाद से मिले संबल से यह कार्य सम्पन्न हो सका है। एडवोकेट संकल्प मिश्र ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को कार्यक्रम को अपनी उपस्थिति से सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह गौरव का क्षण है। 
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद बांसुरी स्वराज, प्रभात प्रकाशन के प्रभात जी, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, वी सतीश, सतीश उपाध्याय, अशोक गोयल देवरहा, अनेक मंत्री, सांसद, विधायक एवं अभाविप कार्यकर्ता बड़ी संख्या में प्रमुख गणमान्य जन भी उपस्थित रहे।
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