Wednesday, July 16, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीयडोभाल से जयशंकर तक मोदी के बताए 3 फॉर्मूले पर बढ़ा रहे...

डोभाल से जयशंकर तक मोदी के बताए 3 फॉर्मूले पर बढ़ा रहे कदम, ट्रंप की असहज करने वाली भूमिका से क्या भारत-चीन करीब आ रहे हैं?

23 जून 2025 की तारीख भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल चीन की राजधानी बीजिंग में एक अहम बैठक कर रहे थे। इसके ठीक 2 दिन बात 25 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीजिंग पहुंचते हैं। अब विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन दौरे की तैयारी कर रहे हैं। यानी बीते करीब 20 दिन में भारत की ओर से तीन हाई प्रोफाइल चीन दौरे आकार ले रहे हैं। हालांकि ये तीनों दौरे एससीओ की मीटिंग को लेकर हो रहे हैं। चीन इस वक्त एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन का अध्यक्ष है। वो विभिन्न स्तरों पर इसकी बैठक आयोजित कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद की परिस्थितियों और वैश्विक कूटनीति में अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की असहज करने वाली भूमिका के कारण क्या चीन और भारत के रिश्ते में जमीं बर्फ तेजी से पिघल रही है। सूत्रों के अनुसार, वह 13 जुलाई से तीन दिवसीय दौरे पर पेइचिंग और तिआनजिन पहुंचेंगे, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इस वर्ष एससीओ की अध्यक्षता चीन कर रहा है। जयशंकर का यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह जून 2020 में हुई गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी। इससे पहले वे अपने चीनी समकक्ष से विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर मिलते रहे हैं, लेकिन यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता 
इसके पहले ब्रिक्स बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि भारत-चीन संबंधों को तीन ‘परस्परों’ -परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि यह संबंध सकारात्मक दिशा में लौट सकें और टिकाऊ बन सकें। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पेइचिंग का दौरा किया और विभिन्न जटिल मुद्दों पर गहन चर्चा की। एससीओ के सुरक्षा सलाहकारों की 20वीं बैठक में अजीत डोभाल ने कहा था कि भारत आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा और आईएसआईएस से उत्पन्न खतरे को लेकर गहरी चिंता में है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड को त्यागने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों व संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। 
अजित डोभाल ने की वांग यी से मीटिंग
डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात में भारत-चीन संबंधों की हालिया स्थिति की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की जरूरत पर भी चर्चा हुई। इसी दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति लाने के लिए दोनों देशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जटिल मुद्दों को स्थायी वार्ता और निरंतर संवाद के माध्यम से हल करने की जरूरत पर बल दिया।
संबंधों को सामान्य करने की कोशिश
विदेश मंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कई उच्चस्तरीय मुलाकातें हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अक्टूबर 2023 में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक ने इस प्रक्रिया को गति दी। यह बैठक पांच वर्षों में पहली बार प्रतिनिधिमंडल स्तर पर हुई थी। 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments