तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य की विधानसभा गाजा पर इजराइली हमलों की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेगी और तत्काल युद्धविराम की मांग करेगी तथा केंद्र से इस संबंध में उचित कदम उठाने का अनुरोध भी करेगी।
स्टालिन ने मांग की कि केंद्र सरकार गाजा में ‘नरसंहार’ रोकने के लिए इजराइल पर दबाव बनाए। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को विधानसभा की बैठक शुरू होने के बाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
स्टालिन ने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को इजराइल और उसका साथ दे रहे देशों पर दबाव बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि नरसंहार को रोका जा सके।’’
वह गाजा में ‘नरसंहार’ की निंदा करने के लिए यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा आयोजित एक सर्वदलीय विरोध सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘इजराइल द्वारा गाजा पर किए जा रहे अंधाधुंध हमले हम सभी के दिलों को झकझोर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि माकपा का विरोध प्रदर्शन मानवीय मूल्य वाले लोगों को एकजुट करने का प्रयास है, ताकि सत्तारूढ़ ताकतों से उन हमलों को रोकने का आग्रह किया जा सके जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन करते हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हाल के सप्ताहों में गाजा में हुई हत्याओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपना रुख व्यक्त किया है।
उन्होंने आठ सितंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि ‘‘गाजा में जो कुछ हो रहा है, उससे वह इतने विचलित हैं कि शब्दों में बयां नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा था कि ‘‘जब निर्दोष लोगों की जान इस तरह जा रही हो, तो चुप रहना कोई विकल्प नहीं है।’’
माकपा ने भारत सरकार से इजराइल के साथ सभी व्यापार समझौते रद्द करने की भी अपील की थी।
माकपा सदस्यों ने एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों पर चल रहे ‘एयरोडेफकॉन 2025 सम्मेलन’ में इजराइली कंपनियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया था।