आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर में प्रसाद में कथित मिलावट के मामले में सीबीआई कार्रवाई में जुट गई है। सीबीआई ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन के रूप में हुई है।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में
तिरुपति मंदिर में प्रसाद में कथित मिलावट की जांच कर रहे सीबीआई के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को सोमवार सुबह अदालत में पेश किया, जहां से अदालत ने सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
4 लोग गिरफ्तार
रविवार देर रात एक अधिकारी ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो व्यक्ति (बिपिन जैन और पोमी जैन) भोले बाबा डेयरी से जुड़े हैं, अपूर्व चावड़ा वैष्णवी डेयरी से जुड़े हैं और (राजू) राजशेखरन एआर डेयरी से जुड़े हैं।
‘फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर लिया गया’
जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि वैष्णवी डेयरी ने टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी करने के लिए एआर डेयरी के नाम का उपयोग करके फर्जी दस्तावेज और मुहरें तैयार की थीं। वैष्णवी डेयरी द्वारा बनाए गए झूठे अभिलेखों में दावा किया गया था कि उसने रुड़की स्थित भोले बाबा डेयरी से घी खरीदा था, लेकिन उसके पास आवश्यक मात्रा में आपूर्ति करने की क्षमता नहीं थी। इसके बाद टीम ने तीन डेयरियों से चार लोगों को गिरफ्तार किया।
टेंडर पाने में धोखाधड़ी
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी जांच में घी आपूर्ति के हर स्तर पर अनियमितताएं सामने आईं, जिसके परिणामस्वरूप 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी की आपूर्ति करने के लिए एआर डेयरी के नाम पर टेंडर हासिल किए थे और वे इस प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड बनाने में भी शामिल थे।
एसआईटी गठित कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने खुलासा किया कि वैष्णवी डेयरी ने झूठा दावा किया था कि वह भोले बाबा डेयरी से घी खरीद रही है, जबकि अधिकारियों ने पाया कि भोले बाबा डेयरी के पास मंदिर बोर्ड तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की मांग को पूरा करने की क्षमता नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने पिछले वर्ष नवंबर में तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।
सीबीआई की निगरानी में जांच
उन्होंने कहा कि टीम में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 4 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी) के राज्यसभा सदस्य वाई वी सुब्बा रेड्डी सहित अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा था कि लड्डू बनाने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोपों की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी और इसकी निगरानी सीबीआई निदेशक द्वारा की जाएगी।