दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दिल्ली पुलिस ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत अवधि पूरी होने के बाद पटियाला हाउस अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार के समक्ष पेश किया।
यहां एक निजी प्रबंधन संस्थान में 17 छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी चैतन्यानंद के लिए पुलिस ने न्यायिक हिरासत की मांग की थी।
उनके वकील ने जब्ती मेमो और केस डायरी दिये जाने की मांग करते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अदालत ने पुलिस से अन्य आवेदनों पर जवाब मांगा, जिनमें भिक्षुओं के वस्त्र पहनने, दवाइयां और “संन्यासी” भोजन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।
चैतन्यानंद (62) को 28 सितंबर को आगरा से गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले, पुलिस ने सरस्वती से जुड़े कई बैंक खातों और सावधि जमाओं में जमा आठ करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे।
प्राथमिकी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित प्रबंधन संस्थान का पूर्व अध्यक्ष सरस्वती कथित तौर पर छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर करता था और उन्हें अनुचित समय पर अनुचित संदेश भेजता था।
वह कथित तौर पर अपने फोन में लगे सीसीटीवी मॉनिटरिंग ऐप के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था।
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने कथित तौर पर विभिन्न नामों और विवरणों का इस्तेमाल कर कई बैंक खाते संचालित किए और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली।
उन्होंने कथित तौर पर खाता खोलने के समय अलग-अलग विवरण वाले दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।
पुलिस को उसके पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले, जिन पर उसे संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स से जुड़ा हुआ दिखाया गया था।