शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए, जिससे राजधानी की सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार और कांग्रेस का खाता तक न खुल पाना, इंडिया गठबंधन में दरार को और गहरा कर रहा है। कई चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इस हार का सबसे बड़ा कारण खुद कांग्रेस बनी।
इंडिया गठबंधन पर मंडराते सवाल
AAP की हार के बाद गठबंधन में दरार की चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर असहमति देखी जा रही थी, लेकिन दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद यह असहमति और खुलकर सामने आ गई। विशेषज्ञों का कहना है कि AAP और कांग्रेस के बीच बेहतर तालमेल नहीं होने से भाजपा को फायदा हुआ और उसने 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बना ली।
राजीव शुक्ला की सफाई: ‘राज्यों के फैसले अलग हैं’
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब इंडिया गठबंधन बना था, तब यह साफ तय हुआ था कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन साथ रहेगा, लेकिन राज्य स्तरीय चुनावों में पार्टियां अपने हिसाब से फैसले लेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जब लोकसभा चुनाव होंगे, तब कांग्रेस और AAP एकसाथ चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या AAP गठबंधन में बनी रहेगी, तो उन्होंने जवाब दिया कि इसका निर्णय पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी एकता मजबूत है और बनी रहेगी।
मुमताज पटेल का जवाब: ‘आप की जीत हमारी जिम्मेदारी नहीं’
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने इस मुद्दे पर सीधा जवाब देते हुए कहा, “क्या AAP की जीत सुनिश्चित करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है?” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी थी, तब AAP ने उसकी मदद के बारे में क्यों नहीं सोचा?
मुमताज पटेल ने कहा कि कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है। अगर कांग्रेस ने AAP के साथ गठबंधन किया होता और वह चुनाव जीत जाती, तो कांग्रेस को इससे क्या फायदा होता? उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि AAP हमेशा खुद के हितों की सोचती है, लेकिन कांग्रेस से त्याग की उम्मीद करती है, जो गलत है।
‘AAP ने कभी कांग्रेस का साथ नहीं दिया’
पटेल ने आगे कहा कि AAP ने कभी भी कांग्रेस की मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर अन्य पार्टियों को यह लगता है कि कांग्रेस को हमेशा त्याग करना चाहिए, तो यह गलतफहमी जल्द दूर कर लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत में कोई भी विपक्षी दल कांग्रेस के समर्थन के बिना चुनाव नहीं जीत सकता।
दिल्ली चुनाव परिणाम: भाजपा की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की।
चुनाव परिणाम एक नजर में:
पार्टी | सीटें (2025 चुनाव) | पिछला प्रदर्शन (2020) |
---|---|---|
भाजपा | 48 | 8 |
आम आदमी पार्टी (AAP) | 22 | 62 |
कांग्रेस | 0 | 0 |
इस बार कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई। यह लगातार दूसरी बार है जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली।