Saturday, July 12, 2025
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दिल्ली पुलिस ने कुख्यात बदमाशों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

 दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फर्जी पहचान का उपयोग कर गैंगस्टर और अपराधियों को विदेश भागने में कथित तौर पर मदद करने वाले एक फर्जी पासपोर्ट गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गिरोह के सरगना निशांत कुमार सक्सेना व उसके छह अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है। इनमें नीरज बवाना गिरोह का एक सदस्य भी शामिल हैं।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संजय कुमार सैन ने बताया, “अपराध शाखा गैंगस्टर, वांछित अपराधियों और पैरोल पाकर फरार होने वाले अपराधियों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाने में शामिल गिरोह पर नजर रखे हुए थी। चार महीने की निगरानी के दौरान जांच दल ने गिरोह के संचालन के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई।”


सैन ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल कर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनाए थे।
उन्होंने बताया कि इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल पासपोर्ट कार्यालयों, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपने स्रोतों के माध्यम से वैध भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए किया गया।

अधिकारी ने बताया कि कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे अपराधी इस गिरोह से संपर्क करते थे, जिससे उन्हें मुकदमे से बचने और विदेशों में गैरकानूनी गतिविधियों को जारी रखने का मौका मिलता था।
उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर एक फर्जी ऑपरेशन शुरू किया गया।

अधिकारी ने बताया कि एक गुप्त एजेंट ने ग्राहक बनकर फर्जी नाम से फर्जी पासपोर्ट बनाने को कहा।
उन्होंने बताया कि मुख्य संदिग्ध निशांत कुमार सक्सेना ने अपने सहयोगी सूफियान के साथ मिलकर फर्जी पहचान दस्तावेज बनाने में मदद की।

अधिकारी ने बताया कि टीम ने आगे पाया कि पासपोर्ट आवेदन को कुछ पासपोर्ट सेवा केंद्र अधिकारियों की मदद से अवैध तरीकों से संसाधित किया गया था।
उन्होंने बताया, “25 फरवरी को लखनऊ में सक्सेना के दफ्तर पर छापेमारी के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कई फर्जी पासपोर्ट, सीपीयू, मोबाइल फोन और जाली दस्तावेज का एक बड़ा जखीरा जब्त किया। टीमों ने छह फर्जी पासपोर्ट, 12 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, दो सीपीयू, एक पीवीसी कलर कार्ड प्रिंटर, लगभग 1,000 खाली और पहले से भरे पीवीसी पहचान पत्र बरामद किए, जिनमेंआधार, मतदाता पहचान पत्र, पैन व आयुष्मान कार्ड, बैंकों और सरकारी संस्थानों के 12 स्टैम्प शामिल हैं,।”

सक्सेना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्यों सहित छह और लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस इस गिरोह और पासपोर्ट कार्यालयों के उन अधिकारियों के बीच संभावित गठजोड़ की भी जांच कर रही है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज जारी करने में मदद की होगी।

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