मध्य और उत्तरी दिल्ली की महिलाओं को जल्द ही कॉलेज, बस स्टॉप और कार्यालय परिसरों के आसपास स्कूटी पर गश्त करती हुई महिला पुलिस अधिकारी नजर आएंगी।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को गश्त करने वाली झांसी स्कूटियों को सड़क पर उतारा। यह महिलाओं के नेतृत्व में नवीनतम सड़क निगरानी पहल की एक शाखा है, जिसे सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और आश्वस्त रहने लायक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रयास को पुरुष कर्मियों द्वारा संचालित ‘जगुआर’ गश्त मोटरसाइकिलों के साथ जोड़ा गया है, ताकि निगरानी रखने की क्षमता बढ़ाई जा सके और व्यस्त जगहों पर सड़क पर होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था, जोन-प्रथम) रवीन्द्र सिंह यादव द्वारा लाल किले से रवाना किए गए इस बेड़े में 71 ‘जगुआर’ मोटरसाइकिल और 15 ‘झांसी’ स्कूटी शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में जीपीएस ट्रैकर लगे हैं। इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित अधिकारी तैनात किये गये हैं।
झांसी टीम उन क्षेत्रों में गश्त पर ध्यान केन्द्रित करेंगी जो महिलाओं के आवागमन से अधिक जुड़ी रहती हैं। ये स्कूल के गेट और विश्वविद्यालय के मार्गों से लेकर भीड़-भाड़ वाले बस स्टॉप और अस्पताल के आसपास के क्षेत्र हैं, क्योंकि यहां उत्पीड़न, पीछा करना और झपटमारी की घटनाएं अक्सर होती हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (मध्य) मधुर वर्मा ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य न केवल जमीनी स्तर पर पुलिस व्यवस्था में सुधार लाना है, बल्कि लोगों को सुरक्षित महसूस कराना भी है।
इस बीच, जगुआर दस्ते, अधिक यातायात भीड़ वाले चौराहों और जिन मार्गों पर अधिक अपराध होते हैं वहां निगरानी रखेंगे। वे आपात स्थिति में त्वरित कदम उठायेंगे और जेबकतरों, चोरों एवं झपटमारों पर लगाम लगाएंगे।