दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को नवनिर्वाचित विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में पार्टी को आगे मजबूत करने और एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने पर चर्चा हुई।
AAP का भाजपा को घेरने का प्लान
बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में जनता की सेवा में जुटने और मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने वादों को पूरा करे, जिसमें महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह देने की योजना भी शामिल है।
इसके अलावा, AAP यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि दिल्लीवासियों को पहले की तरह 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बेहतरीन सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिलती रहें। बैठक में सांसद संजय सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) एवं सांसद डॉ. संदीप पाठक, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
चुनावी हार का गहन विश्लेषण जारी
पूर्व मंत्री आतिशी ने कहा कि चुनाव परिणामों की समीक्षा की जा रही है और पार्टी हार के कारणों पर गहराई से मंथन कर रही है। AAP ने जनता के जनादेश को स्वीकार किया है, लेकिन उनका मानना है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं थे।
AAP के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने भी बैठक में मौजूद नेताओं के साथ चर्चा करते हुए आगे की रणनीति पर बात की। बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी दिल्ली में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और भाजपा को अपने सभी वादे पूरे करने के लिए मजबूर करेगी।
विपक्ष का नेता जल्द होगा नामित
बैठक के दौरान यह तय किया गया कि विधायक सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा सरकार, आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार द्वारा दी गई मुफ्त सेवाओं और सुविधाओं को बंद न करे। इस संबंध में सभी विधायकों को सतर्क रहने को कहा गया है।
इसके अलावा, आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में विपक्ष के नेता को नामित किया जाएगा, जो विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व करेगा।
मुख्यमंत्री आतिशी का इस्तीफा और विधानसभा भंग
दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस्तीफे के बाद उपराज्यपाल ने सातवीं दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया और नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
भाजपा ने अब तक आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही विधान मंडल दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।
उपराज्यपाल की घोषणा और नई सरकार की प्रक्रिया शुरू
उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, रविवार सुबह 11 बजे आतिशी राजनिवास पहुंचीं और अपना इस्तीफा सौंपा। उपराज्यपाल ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि नई सरकार के गठन तक आतिशी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगी। साथ ही, उन्होंने दिल्ली विधानसभा भंग करने की अधिसूचना भी जारी कर दी।
अब भाजपा विधान मंडल दल की बैठक होगी, जिसमें नेता चुना जाएगा। इसके बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन का प्रस्ताव पेश करेगा। तयशुदा तारीख पर नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
आतिशी का छोटा कार्यकाल और चुनावी हार
आतिशी ने 21 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले अरविंद केजरीवाल के आबकारी घोटाले में जेल जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, महज 141 दिनों के कार्यकाल के बाद उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और उन्होंने 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया।
इस चुनाव में AAP को सिर्फ 22 सीटें मिलीं, जो पार्टी के पिछले तीन चुनावों में सबसे खराब प्रदर्शन रहा। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की आवश्यकता थी, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया और 27 साल बाद सत्ता में वापसी की।
भाजपा की सत्ता में वापसी
2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं, 2015 में उसने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल कर एकतरफा बहुमत प्राप्त किया था, जबकि 2020 में पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार पार्टी को तगड़ा झटका लगा और भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर सत्ता अपने हाथ में ले ली।
इस चुनाव में आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से भाजपा के रमेश बिधूड़ी को हराया। हालांकि, पार्टी के समग्र प्रदर्शन के कारण आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। आतिशी ने इस हार को स्वीकार करते हुए कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत की, लेकिन जनता के जनादेश को स्वीकार करना होगा।
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी आतिशी
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। उनसे पहले भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
- सुषमा स्वराज: पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं और 52 दिनों तक पद पर रहीं।
- शीला दीक्षित: कांग्रेस से जुड़ीं और सबसे लंबे समय (15 साल) तक मुख्यमंत्री रहीं।
- आतिशी: आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री बनीं और 141 दिनों तक पद पर रहीं।
इसके अलावा, दिल्ली के सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों में अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं, जिन्होंने 2013 में 48 दिनों तक मुख्यमंत्री पद संभाला था।