भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक पैनल का उपाध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले पर आपत्ति जताई। सिंह ने कहा कि यह फैसला बिल्ली को दूध की रखवाली करने जैसा है क्योंकि पाकिस्तान का आतंकवादियों को संरक्षण देने और उनका समर्थन करने का इतिहास रहा है। यूएनएससी के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि आतंकवाद निरोधक पैनल का गठन 9/11 के आतंकी हमलों के बाद किया गया था। पाकिस्तान ने 9/11 के हमलों के मास्टरमाइंड को पनाह दी थी। इसकी भूमि का इस्तेमाल वैश्विक आतंकवादी संगठनों के लिए शरणस्थली के रूप में किया गया है।
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देहरादून में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं। अब उसी देश से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय का नेतृत्व करने की उम्मीद की जा रही है… संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्रवाई बिल्ली से दूध की रखवाली करने के लिए कहने जैसी है। पाकिस्तान 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करेगा और 15 देशों के संयुक्त राष्ट्र निकाय की 1373 आतंकवाद निरोधक समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है, उन्हें अपनी धरती पर प्रशिक्षित किया है और उनकी मदद की है। पहलगाम (हमला) तो बस एक उदाहरण है, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि पाकिस्तान द्वारा सहायता प्राप्त आतंकवादियों की सूची बहुत लंबी है। और, पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश करता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम न केवल इन आतंकवादियों को बल्कि उन्हें सहायता देने वाले पूरे आतंकी ढांचे को खत्म करें।
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है और उसकी विदेशी सहायता का एक बड़ा हिस्सा इस समर्थन को वित्तपोषित करने में इस्तेमाल किया जाता है। सिंह ने कहा, “पाकिस्तान को वित्तपोषित करने का मतलब है आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित करना। पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है। इसे पोषित नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने अन्य देशों से पाकिस्तान को धन देना बंद करने का आग्रह किया।