लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के भविष्य और शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने में लगा हुआ है।
उन्होंने यहां जंतर-मंतर पर ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न घटक दलों की छात्र इकाइयों के संयुक्त प्रदर्शन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी को मिलकर रोकना एवं पराजित करना है।
विपक्षी पार्टियों की छात्र इकाइयों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों और पेपर लीक के मुद्दों को लेकर ‘संसद मार्च’ का आह्वान किया था।
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक संगठन हिंदुस्तान का भविष्य और शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने में लगा है। उस संगठन का नाम आरएसएस है। यदि शिक्षा व्यवस्था उनके हाथ में चली जाएगी, जो धीरे धीरे जा रही है, तो देश बर्बाद हो जाएगा और इस देश में किसी को रोजगार नहीं मिलेगा।’’
उनका कहना था, ‘‘आज छात्रों को यह बताने की जरूरत है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति आरएसएस द्वारा नामित हैं और आने वाले समय में राज्यों के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी आरएसएस द्वारा नामित होंगे। यह देश के लिए खतरनाक हैं। इसे हमें रोकना है।’’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेरोजगारी और महंगाई पर बात नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के बारे में लोकसभा में बात की। मैं यह बोलना चाहता था कि कुंभ के बारे में बात करना अच्छी बात है, लेकिन भविष्य के बारे में बात करनी चाहिए, बेरोजगारी के खिलाफ बात करनी चाहिए।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा व्यवस्था के बारे में बात नहीं करते क्योंकि प्रधानमंत्री का मॉडल, भाजपा और आरएसएस का मॉडल है जिसके तहत अदाणी, अंबानी को सारा धन देना और आरएसएस को सारी संस्थाओं का नियंत्रण देना है।’’
उन्होंने छात्र संगठनों से कहा, ‘‘हमारी विचारधारा और नीतियों पर थोड़ा फर्क हो सकता है, लेकिन हम हिंदुस्तान की शिक्षा प्रणाली को लेकर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम मिलकर कदम बढ़ाएंगे और आरएसएस-भाजपा को हराएंगे।