मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राज्य सरकार की मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना के तहत 32 श्रद्धालुओं के एक दल को गंगोत्री धाम के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हल्द्वानी सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री धामी ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुखद और मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए संचालित मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना का उद्देश्य श्रद्धालुओं को पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन का अवसर प्रदान करना और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति और आनंद लाना है।
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इस बीच, पांच दिवसीय तीर्थयात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के दल में 19 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं। मातृ-पितृ योजना के तहत, श्रद्धालु गंगोत्री धाम के साथ-साथ मार्ग में पड़ने वाले अन्य पवित्र स्थलों के भी दर्शन करेंगे। आवास, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम के पर्यटक गेस्टहाउस में की गई थी। इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में नौ दिवसीय सहकारिता मेले में भाग लिया और ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता में सहकारिता की भूमिका पर प्रकाश डाला।
विज्ञप्ति के अनुसार, उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है और सामाजिक एकता एवं आंशिक आत्मनिर्भरता की नींव भी रखता है। सहकारिता समाज को एकजुट करने और आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने का एक माध्यम है। सोमवार को मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न विभागों, समूहों और संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें बाज़ार से जोड़ने के प्रयासों के लिए किसानों और स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।
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उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और मज़बूत करेगा और महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा। सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन शैली का प्रतीक है, जो “वसुधैव कुटुम्बकम” के दर्शन में परिलक्षित होती है।