कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर बिहार में चुनाव चोरी करने का आरोप लगाने के बाद, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को उन पर कटाक्ष किया और कहा कि आज राहुल की स्थिति उस कहावत जैसी है, “नाचना न जानने पर मंच को दोष देना।” एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधान ने ओडिशा में कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक पर्यटन का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित ‘संविधान बचाओ’ रैली वास्तव में कांग्रेस के युवराज द्वारा किया गया एक और राजनीतिक पर्यटन स्टंट था।”
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धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि ओडिशा में भाजपा की जनहितैषी सरकार के प्रति जनता का अडिग विश्वास कांग्रेस को परेशान कर रहा है। ओडिशा में कांग्रेस का कोई वजूद और अस्तित्व ही नहीं है, ओडिशा के गरीब, दलित, आदिवासी, किसान और मजदूरों ने कांग्रेस को दशकों पहले नकार दिया था। ऐसे में राहुल गांधी का ओडिशा के गरीबों के हित की बात करना छलावे के अतिरिक्त कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास हमेशा से गरीबों और कमजोर वर्गों के अधिकारों की अनदेखी करने का रहा है।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकारों द्वारा दिल्ली से भेजे गए पैसों को कभी बिचौलिए लूट लेते थे, तो कभी SC, ST और पिछड़े वर्गों के हक को अपने खास वोटबैंक को कांग्रेस समर्पित कर देती थी। स्पष्ट शब्दों में कहें तो गरीबों का हक और आदिवासियों की जमीन तभी तक सुरक्षित है, जब तक कांग्रेस सत्ता में नहीं है। प्रधान ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस की महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में करारी हार हुई है, जिसके बाद राहुल गांधी और खड़गे जी चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। हैरानी यह भी है कि संविधान बचाने का उपदेश वह कांग्रेस पार्टी दे रही है, जिसने लोकतंत्र का गला घोंटते हुए, संविधान को रौंदते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया था।
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उन्होंने तंज सकते हुए कहा कि राहुल गांधी की हालत आज, ‘नाच न जाने, आंगन टेढ़ा’ जैसी है, बार-बार चुनावी हार के बाद एक बार फिर बिहार के आगामी चुनावों में हार को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ‘वोट चोरी’ का नया शिगूफा लेकर आई है। मगर, ओडिशा सहित देश की जनता, कांग्रेस और राहुल गांधी के हर प्रपंच व फरेब को अब पहचान चुकी है और आगे भी ऐसे जनविरोधी और संविधान विरोधियों को हर चुनाव में जनता करारा जवाब देती रहेगी।