आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में नकली शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए रविवार को आंध्र प्रदेश आबकारी सुरक्षा ऐप की शुरुआत की।
नायडू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह ऐप उपयोगकर्ताओं को शराब की बोतलों पर लगे होलोग्राम को स्कैन करके उनकी प्रामाणिकता सत्यापित करने की सुविधा देता है, जिससे नकली उत्पादों की बिक्री पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश में नकली शराब की बिक्री की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमने आंध्र प्रदेश आबकारी सुरक्षा ऐप शुरू किया है। इस ऐप की मदद से शराब उपभोक्ता बोतल को स्कैन करके उसकी प्रामाणिकता की पहचान कर सकेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह ऐप निर्माण तिथि, समय, बैच संख्या और प्रमाणीकरण जैसी जानकारी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि एक दुकान को आपूर्ति की गई शराब दूसरी दुकान पर नहीं बेची जा सकती।
नायडू ने यह भी कहा कि ऐप में अवैध परिवहन और परमिट रूम के अनधिकृत संचालन को रोकने के लिए जियो-टैगिंग और जियो-फेंसिंग सुविधाओं को शामिल किया गया है, जिससे सार्वजनिक सुविधा सुनिश्चित होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि नकली शराब की समस्या और गांजे की खेती पिछली वाईएसआरसीपी सरकार से विरासत में मिले प्रमुख मुद्दे हैं।
नायडू ने कहा कि शराब से संबंधित अपराधों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए गए हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नयी शराब नीति आंध्र प्रदेश में ‘‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाले ब्रांड पेश करने के लिए पूरे भारत में मॉडल का अध्ययन करने’’ के बाद तैयार की गई।
नायडू ने चेतावनी दी कि नकली शराब बेचने या बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा, चाहे उसका राजनीतिक संबंध या प्रभाव कुछ भी हो।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह ऐप नकली शराब का पता लगाएगा, जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे कानून लागू करें, अन्यथा लापरवाही के लिए परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
इस बीच, नायडू ने कहा कि राज्य 14 अक्टूबर को गूगल के साथ एक समझौते को भी अंतिम रूप देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘गूगल बड़े पैमाने पर निवेश करेगा और विशाखापत्तनम देश का सबसे बड़ा डेटा हब बनने के लिए तैयार है।’’
नायडू ने कहा, ‘‘एक तरफ डेटा सेंटर है और दूसरी तरफ कृत्रिम मेधा है। हम भविष्य की जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि नवंबर में विशाखापत्तनम में होने वाले निवेश शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा।