राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जुड़े आतंकवादियों द्वारा सीमा पार से घुसपैठ की जांच के सिलसिले में बुधवार को जम्मू में 12 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के यहां छापेमारी की जा रही है, उनमें आतंकवादी समूहों के समर्थक और ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) भी शामिल हैं, जो भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को रसद, छिपने के स्थान और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।
संघीय एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े सक्रिय आतंकवादियों के अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के संबंध में सूचना के आधार पर पिछले साल 24 अक्टूबर को घुसपैठ संबंधी घटनाओं में मामला दर्ज किया था।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, “ये घुसपैठ जम्मू क्षेत्र के गांवों में स्थित ओजीडब्ल्यू और अन्य आतंकवादी सहयोगियों द्वारा सुगम बनाई गई थी, जो आतंकवादियों को रसद सहायता, भोजन, आश्रय, धन उपलब्ध कराने में लगे हुए थे।” अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध हाइब्रिड आतंकवादी और ओजीडब्ल्यू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से जुड़े हुए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस वर्ष अब तक जम्मू-कश्मीर पर तीन सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान सुरक्षा बलों को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता अपनाने और आतंकवादी संगठनों, उनके वित्तपोषकों और भूमिगत कार्यकर्ताओं के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने का निर्देश दिया है।