सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषियों में से एक सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की माफी याचिका पर फैसला न लेने पर दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) को अवमानना नोटिस जारी किया। अदालत ने अधिकारी को यह बताने का निर्देश दिया है कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए और 28 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की निर्णय लेने में देरी की आलोचना की
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जब तक अवमानना कार्यवाही का खतरा नहीं मंडराता, तब तक सरकारी अधिकारी लंबित मामलों पर कार्रवाई नहीं करते। पीठ ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रावधानों के बावजूद दिल्ली सरकार ने यादव की माफी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की।
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20 साल जेल में रहने के बाद दोषी ने मांगी माफी
सुखदेव यादव उर्फ पहलवान, जिसे 2002 के बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी ठहराया गया था, बिना किसी छूट के 20 साल जेल में काट चुका है। उसने कुछ शर्तों के तहत छूट की अनुमति देने वाले कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए जल्दी रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
अगली सुनवाई 28 मार्च को
अदालत ने अब दिल्ली के गृह विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है और प्रमुख सचिव को 28 मार्च को अगली सुनवाई के दौरान वर्चुअली मौजूद रहने का निर्देश दिया है। मामला अभी भी गहन जांच के दायरे में है, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि छूट याचिकाओं पर कार्रवाई करने में विफलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।