Sunday, July 13, 2025
spot_img
Homeखेलनीदरलैंड के दिग्गज ताइकेमा भारतीय महिला ड्रैग फ्लिकर के साथ काम करेंगे

नीदरलैंड के दिग्गज ताइकेमा भारतीय महिला ड्रैग फ्लिकर के साथ काम करेंगे

भारत ने 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक तक अल्पकालिक आधार पर राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम के ड्रैग फ्लिकर के साथ काम करने के लिए नीदरलैंड के दिग्गज ताइके ताइकेमा से करार किया है।
ताइकेमा ने पिछले महीने भुवनेश्वर में भारत के एफआईएच प्रो लीग अभियान से पहले 10 से 16 फरवरी तक सात दिवसीय शिविर में भारतीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया था।

भारत ने प्रो लीग के घरेलू चरण में इंग्लैंड, जर्मनी, नीदरलैंड और स्पेन के खिलाफ मुकाबला किया था।
इस सात दिवसीय शिविर में दीपिका, मनीषा चौहान, सोनम और अन्नू जैसी खिलाड़ियों के साथ-साथ कुछ जूनियर खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। ताइकेमा के मार्गदर्शन में शिविर का मुख्य उद्देश्य तकनीकी कौशल को निखारने के साथ ड्रैग फ्लिक की सटीकता में सुधार करना था।
 

भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि शिविर खिलाड़ियों के लिए बहुत फायदेमंद रहा  और ताइकेमा लॉस एंजिल्स खेलों तक अल्पकालिक आधार पर टीम के साथ काम करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ताइकेमा ड्रैग फ्लिक के मामले में सबसे महान दिग्गजों में से एक हैं। मैंने हॉकी इंडिया से उन्हें इस क्षेत्र में सुधार करने में हमारी मदद करने के लिए लाने का अनुरोध किया। वह तकनीक को निखारने और ड्रैग फ्लिक की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए टीम के साथ काम कर रहे हैं।’’
 

हरेंद्र ने कहा, ‘‘ड्रैग फ्लिक करना एक विशिष्ट कौशल है और ताइकेमा भविष्य के शिविर में भी हमारे साथ काम करना जारी रखेंगे।’’
 हरेंद्र ने इससे दीपिका के प्रदर्शन में सुधार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ हमने दीपिका के साथ निश्चित प्रगति देखी है, खासकर हाल के प्रो लीग मैचों के दौरान। ’’

 इस 45 साल के पूर्व खिलाड़ी को अपने खेल के दिनों में पेनल्टी-कार्नर की सटीकता के लिए जाना जाता था।
 ताइकेमा ने 11 वर्षों के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में नीदरलैंड की पुरुष टीम के लिए 94 मैचों में 170 गोल किए। उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञों में से एक माना जाता है।
वह 2002 और 2006 चैंपियंस ट्रॉफी, 2006 विश्व कप, 2008 ओलंपिक खेलों और 2010 एफआईएच विश्व कप सहित कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में शीर्ष स्कोरर थे।
उन्होंने 2022 से 2024 तक चीन की महिला टीम के सहायक कोच के रूप में भी काम किया।

दीपिका ने भी कहा कि उन्हें शिविर से बहुत लाभ हुआ।
प्रो लीग में पेनल्टी कॉर्नर से अपने तीन में से दो गोल करने वाली दीपिका ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक सप्ताह का शिविर था, लेकिन यह एफआईएच प्रो लीग के घरेलू चरण के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। मैंने इस दौरान फुटवर्क, शॉट रिलीज और फिनिशिंग को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे मुझे उन तकनीकी समायोजनों की स्पष्ट समझ मिली जिसे मुझे करने की जरूरत थी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments