दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को यहां एक पंथिक समागम का आह्वान किया गया, जिसमें एसजीपीसी द्वारा नए जत्थेदारों की नियुक्ति को खारिज करते हुए पुराने जत्थेदारों को बहाल करने की मांग की गई।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने हाल ही में ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त के जत्थेदार पद से हटा दिया है। एसजीपीसी का कहना है कि ज्ञानी रघबीर सिंह का नेतृत्व पंथ (सिख समुदाय) का मार्गदर्शन करने में अपर्याप्त है और उनके असंगत दृष्टिकोण ने पंथिक एकता को कमजोर किया है।
ज्ञानी सुल्तान सिंह को एसजीपीसी ने तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार पद से भी हटा दिया, जो रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब में पांच सिख धार्मिक पीठों में से एक है।
अमृतसर स्थित अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है।
इन दोनों जत्थेदारों से पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह को भी फरवरी में तख्त श्री दमदमा साहिब से हटा दिया गया था।
ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने सोमवार को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार और अमृतसर में अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार का पदभार ग्रहण किया।
इस बीच, यहां आयोजित पंथिक सभा ने छह प्रस्ताव पारित किए, जिनमें एसजीपीसी की कार्यकारी समिति से सिख पंथ की भावनाओं का सम्मान करने तथा ज्ञानी रघबीर सिंह, ज्ञानी सुल्तान सिंह और ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बहाल करने की अपील भी शामिल है।