चलती ट्रेनों से पटरियों के किनारे कचरा फेंके जाने की कई शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी 18 रेलवे जोन को निर्देश दिया है कि वे ‘ऑन-बोर्ड कैटरिंग’ कर्मचारियों को यात्रा के दौरान निर्धारित स्टेशनों पर कचरे का निस्तारण करने के लिए प्रशिक्षण दें।
बोर्ड ने 12 नवंबर को जारी एक पत्र में कहा कि ‘कैटरिंग’ और ‘ओबीएचएस’ (ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग स्टाफ) कर्मचारियों द्वारा नामित स्टेशनों पर कचरा प्रबंधन और निपटान के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे।
बोर्ड ने कहा, हालांकि, हमें जानकारी मिली है कि जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
पत्र में उल्लेख किया गया है, चूंकि ये गतिविधियां अधिकतर ठेका कर्मचारियों द्वारा की जाती हैं, इसलिए संबंधित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल को प्रशिक्षित करना और उन्हें तैयार करना रेलवे जोन की जिम्मेदारी है।
इसमें कहा गया है कि पर्याप्त जागरूकता के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षकों और संबंधित अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के साथ तुरंत संवाद (बातचीत) किया जाना चाहिए।
बोर्ड के अनुसार, वाणिज्यिक और यांत्रिक विभागों को संयुक्त रूप से यह अभ्यास तब तक आयोजित करना चाहिए जब तक कि प्रत्येक रेलवे मंडल की सभी ट्रेनें कवर न हो जाएं।
बोर्ड ने मंडलों से यह अभ्यास पत्र जारी होने की तारीख से एक महीने के भीतर पूरा करने को कहा है।
पत्र में यह भी कहा गया है, ओबीएचएस और पैंट्री कार के लाइसेंसधारियों को भी इस संबंध में परामर्श दिया जाना चाहिए।
निर्देशों के उल्लंघन को एक बड़ा उल्लंघन माना जाएगा और अनुबंध समझौते की शर्तों के अनुसार सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बोर्ड ने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह यात्रियों और स्टेशनों को साफ रखने का हमारा कर्तव्य है।

