महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस विधायक नाना पटोले के ठाणे, नासिक और मुंबई में मंत्रालय (सचिवालय) में राज्य के अधिकारियों और मंत्रियों को निशाना बनाने वाले हनीट्रैप रैकेट के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस को इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि हनी ट्रैप के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है और नाना पटोले ने जो आरोप लगाया है वह अभी तक सरकार तक नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पता नहीं ये क्या बम है। हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। हनी ट्रैप की कोई शिकायत अभी तक न तो किसी मंत्री ने और न ही किसी अधिकारी ने दर्ज कराई है।
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मुख्यमंत्री की यह प्रतिक्रिया पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा यह कहकर ताजा राजनीतिक तूफान खड़ा करने के एक दिन बाद आई है कि शीर्ष मंत्रियों और वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को हनीट्रैप ऑपरेशन में निशाना बनाया गया हो सकता है, जिसने हाल के दिनों में राज्य को हिलाकर रख दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने दावा किया कि इस कांड में फंसे अधिकारियों की वास्तविक संख्या बताई जा रही संख्या से कहीं ज़्यादा है। पटोले ने कहा कि इस हनीट्रैप मामले के बारे में हमें जो जानकारी मिली है, वह बेहद गंभीर है। ऐसे मामलों में गोपनीय सरकारी दस्तावेज़ राष्ट्र-विरोधी तत्वों के हाथ लग सकते हैं, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक होगी। पुलिस द्वारा इसकी गहन जाँच की जानी चाहिए।
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विधानसभा में बोलते हुए, पटोले ने दावा किया कि उनके पास आरोपों से जुड़े सभी सबूत एक पेन ड्राइव में मौजूद हैं, और उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह मुद्दा कुछ समय से सार्वजनिक होने के बावजूद, सरकार ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाणे, नासिक और मंत्रालय (राज्य सचिवालय) हनीट्रैप के केंद्र बन गए हैं, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। यह विवाद तब और बढ़ गया जब मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि महाराष्ट्र में कई वरिष्ठ अधिकारियों को एक महिला ने ब्लैकमेल किया और कथित तौर पर उन पर फर्जी बलात्कार के मामले दर्ज करने की धमकी देकर और जबरन वसूली की मांग करके उन्हें फंसाया।
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विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राज्य सरकार से मामले को गंभीरता से लेने और सदन में जवाब दाखिल करने को कहा। गुरुवार को पटोले ने फिर यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद अध्यक्ष ने सरकार को कार्रवाई करने और शुक्रवार को सत्र समाप्त होने से पहले रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया कि सरकार ने इस संबंध में आरोपों को गंभीरता से लिया है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।