डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में ये दूसरा कार्यकाल है। इसमें वो सारी चीजें कर रहे हैं, जिसकी उम्मीद नहीं भी की जा रही है। सुपरपावर कहे जाने वाले मुल्क अमेरिका की दुनियाभर में किरकिरी सिर्फ ट्रंप के बयानों से हो रही है। ट्रंप पहले कुछ कहते हैं और फिर उससे पलट जाते हैं। ट्रंप ने दुनिया में टैरिफ वॉर भी छेड़ रखा है। उनमें चीन भी शामिल हैं, जिस पर कभी ट्रंप टैरिफ लगाते हैं। कभी कहते हैं कि चीन जिन हालातों से गुजर रहा है, हम तो मित्रता चाहते हैं। चीन के हम दुश्मन नहीं हैं और सबकुछ ठीक हो जाएगा। चीन पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया बयान सामने आया है।
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ट्रंप ने कहा कि चीन के बारे में चिंता मत करिए। हम चीन की मदद करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि हम चीन को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। बेहद सम्मानित राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अभी बुरा समय गुजर चुका है। हम चीन की मदद करने के इच्छुक हैं। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि शी जिनपिंग अपने देश को ‘अवसाद’ में नहीं धकेलना चाहेंगे और कहा कि उनके चीनी समकक्ष का बस एक ‘बुरा दौर’ था। वह अपने देश में मंदी नहीं चाहते, और न ही मैं। अमेरिका चीन की मदद करना चाहता है, उसे नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता!
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ट्रंप की यह टिप्पणी 1 नवंबर से चीन से आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी के कुछ दिनों बाद यू-टर्न लेती दिख रही है। पिछले हफ़्ते, ट्रंप ने चीन पर अत्यधिक आक्रामक और शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था, क्योंकि चीन ने अपने हर उत्पाद, खासकर दुर्लभ मृदा खनिजों पर प्रतिबंध लगा दिए थे। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि चीन “दुनिया को बंदी बनाना” चाहता है, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह शी जिनपिंग के साथ अपनी निर्धारित बैठक भी रद्द कर सकते हैं। हालाँकि, बाद में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह चीनी राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक रद्द नहीं करेंगे।
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ट्रंप द्वारा अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी के बाद, चीन ने अपने कदम का बचाव किया और अमेरिका को दृढ़ कदम उठाने की चेतावनी भी दी। एक बयान में चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका से “अपनी गलत प्रथाओं को तुरंत सुधारने और शी और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान बनी “महत्वपूर्ण सहमति” का पालन करने का आग्रह किया। बयान में कहा गया है, उच्च टैरिफ लगाने की जानबूझकर धमकी देना चीन के साथ तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं है। व्यापार युद्ध पर चीन का रुख एक जैसा है: हम इसे नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं। अगर अमेरिका गलत रास्ते पर जाने पर अड़ा रहता है, तो चीन निश्चित रूप से अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाएगा।