दोनों देशों के प्रमुखों ने बातचीत की और एक दूसरे की जमकर तारीफ की। भारत और रूस के संबंधों पर अपने विचार उन्होंने रखे और कहा कि ये रिश्ता काफी पुराना है। इस रिश्ते को और हमें आगे लेकर जाना है। हर कठिन परिस्थितियों का मिलकर हमें मुकाबला करना है। पीएम ने कहा कि ये वैश्विक शांति के लिए भी जरूरी है। यूक्रेन जंग पर हम लगातार चर्चा कर रहे हैं। कई बार हमारी बातचीत हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस युद्ध का अंत होना चाहिए। शांतिपूर्ण तरीके से इसका समाधान निकलना चाहिए।
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इस बैठक से पहले व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत और चीन दोनों के प्रयासों की सराहना की थी। उन्होंने भी कहा था कि हम भी चाहते हैं कि इस युद्ध का अंत हो और इसमें भारत और चीन की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, वो सराहनीय हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सिद्धांतबद्ध और बहुआयामी बताया और इस बात पर ज़ोर दिया कि ये रिश्ते वर्षों में परिपक्व होकर सहयोग के एक मज़बूत ढाँचे में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने द्विपक्षीय एजेंडे को मज़बूत करने में इस बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, आज की वार्ता हमारे संबंधों को और मज़बूत और विस्तारित करने का एक और अच्छा अवसर प्रदान करती है। पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंच की भी सराहना की और इसे वैश्विक दक्षिण और पूर्व के देशों को एक साथ लाने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बताया, और साझा चुनौतियों से निपटने में बहुपक्षीय सहयोग की।
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राष्ट्रपति पुतिन ने दिसंबर 2025 के आगामी मील के पत्थर का भी ज़िक्र किया, जो भारत-रूस संबंधों के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुँचने की 15वीं वर्षगांठ होगी। पुतिन ने आशा व्यक्त की कि ये वार्ताएँ इस दीर्घकालिक संबंध को महत्वपूर्ण बढ़ावा प्रदान करेंगी, जिसे उन्होंने बहुआयामी और बहुत अच्छा बताया। उन्होंने दोहराया कि द्विपक्षीय संबंधों की स्थायी प्रकृति आपसी विश्वास और साझा लक्ष्यों पर आधारित है।