Friday, October 3, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयपूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस को लोगों के अधिकारों पर अधिक ध्यान देना...

पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस को लोगों के अधिकारों पर अधिक ध्यान देना चाहिए: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि क्षेत्र में पुलिस को लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नये प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।
शाह ने बैठक में कहा, ‘‘लंबे समय तक पूर्वोत्तर में पुलिस का मुख्य ध्यान उग्रवाद से लड़ने पर रहा। हालांकि अब इन क्षेत्रों में उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है इसलिए पुलिस को लोगों के जीवन, संपत्ति और प्रतिष्ठा की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए।’’

शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने राज्यों को प्रगति पर नजर रखने का निर्देश दिया है और पुलिस को नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने के लिए कहा है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि अभियोजन जितना मजबूत होगा लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना उतना ही आसान होगा।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने लगभग 45 महीनों की व्यापक और विस्तृत विचार-विमर्श की प्रक्रिया के बाद ही तीन नये कानूनों को देश में लागू किया है।
शाह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों के सात मुख्यमंत्री शामिल हुए।

वहीं, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण वहां के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने बैठक में भाग लिया।
बैठक में मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को छोड़कर पांच राज्यों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मौजूद रहे और पूर्वोत्तर राज्यों के कई मुख्य सचिव भी शामिल हुए थे।

बैठक के दौरान, आठ राज्यों में से प्रत्येक ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के कार्यान्वयन की स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री को जानकारी देने के लिए प्रस्तुतियां दीं।

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने अंत में प्रस्तुति दी। उन्होंने शाह को पूर्वोत्तर राज्यों में तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की स्थिति से अवगत कराया।
शाह ने कहा कि आतंकवाद, भीड़ द्वारा हत्या और संगठित अपराध से संबंधित मामलों को दर्ज करने में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को नए आपराधिक कानूनों पर 100 प्रतिशत पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करना चाहिए।’’
शाह ने मुख्यमंत्रियों से तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर हर महीने समीक्षा बैठक करने का अनुरोध किया और राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में आकलन करने के लिए भी कहा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments