Sunday, October 19, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयप्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर लोगों की चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा...

प्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर लोगों की चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा : Manoj Sinha

जम्मू । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की वैध चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के अध्यक्ष सिन्हा ने कहा कि जम्मू के संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली एक समिति ने विकास परियोजनाओं पर आम सहमति बनाने के लिए हितधारकों से पहले ही बात कर ली है। सिन्हा शहर के मध्य में निर्माणाधीन तवी रिवरफ्रंट परियोजना का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। 
रोपवे परियोजना के निर्माण के खिलाफ हड़ताल के चौथे दिन कटरा में पथराव की घटना से जुड़े एक सवाल के जवाब में उपराज्यपाल ने कहा कि रोजगार छिनने संबंधी लोगों की चिंताओं पर ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास परियोजनाओं और लोगों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने के उद्देश्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वैष्णो देवी मंदिर की ओर जाने वाले पैदल मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ दुकानदारों और मजदूरों के मार्च ने सोमवार को उस समय उग्र रूप ले लिया, जब जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटरा आधार शिविर में कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि परियोजना को बंद किया जाए या प्रभावित होने वाले सभी लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए। अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, लेकिन अतिरिक्त बलों की तैनाती के साथ स्थिति पर तत्काल काबू पा लिया गया। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की लागत वाली यात्री रोपवे परियोजना पर आगे बढ़ने और इसे दो साल के भीतर पूरा करने की घोषणा के बाद दुकानदारों और टट्टू एवं पालकी मालिकों की हड़ताल शुक्रवार को शुरू हुई थी।
श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित एवं तेज यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना के कार्यान्वयन की घोषणा पिछले हफ्ते की। श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने कहा, “रोपवे परियोजना बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी, खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए, जो मंदिर तक खड़ी चढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण पाते हैं।” इस परियोजना को पहले भी इसी तरह के विरोध के कारण स्थगित कर दिया गया था। यात्रा मार्ग पर तीन किलोमीटर के दायरे में ज्यादातर निजी दुकानें चौथे दिन भी बंद रहीं, जबकि टट्टू और पालकी मालिकों ने तीर्थयात्रियों को कोई सेवा नहीं दी, जिससे कई श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments