Saturday, December 27, 2025
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प्रियंका गांधी से क्यों मिलने पहुंच गए प्रशांत किशोर? दिल्ली में 2 घंटे तक गुपचुप मुलाकात के क्या है मायने?

चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में जन सूरज पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं में छा गए हैं। किशोर ने हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ एक बंद कमरे में बैठक की, जिससे राजनीतिक गलियारों में नई अटकलें लगने लगी हैं। प्रशांत किशोर का गांधी परिवार से रिश्ता नया नहीं है। 2021 में जेडीयू से अलग होने के बाद, किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने पार्टी को पुनर्जीवित करने की योजना प्रस्तुत की थी। 
 

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अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के आवास पर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे। उस समय किशोर कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें सशक्त कार्य समूह का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों ने बताया कि बैठक लगभग दो घंटे तक चली, हालांकि दोनों पक्षों ने इसके महत्व को कम आंकने की कोशिश की है और इसे एक नियमित बातचीत बताया है।
किशोर की जन सूरज पार्टी की करारी चुनावी हार के बाद यह मुलाकात हुई है। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 238 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट जीतने में नाकाम रही और 236 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा और उसने 61 सीटों में से सिर्फ छह सीटें जीतीं। किशोर की प्रियंका गांधी से बातचीत ने उनकी राजनीतिक रणनीति में संभावित बदलाव को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब उन्होंने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस से स्पष्ट दूरी बनाए रखी थी।
किशोर का कांग्रेस नेतृत्व से जुड़ाव 2021 से शुरू हुआ, जब उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ दिया था। अप्रैल 2022 में, किशोर ने सोनिया गांधी के आवास पर आयोजित एक बैठक में कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष एक विस्तृत पुनरुद्धार योजना प्रस्तुत की, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी उपस्थित थे। उस समय, किशोर को पार्टी के प्रस्तावित “सशक्त कार्य समूह” में भूमिका की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि कांग्रेस को सीमित संगठनात्मक भूमिकाओं के बजाय संरचनात्मक सुधारों और निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता है। इस असहमति के कारण दोनों के रास्ते अलग हो गए, और किशोर बाद में पार्टी के एक मुखर आलोचक के रूप में उभरे।
 

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हालांकि, प्रियंका गांधी के साथ चुनाव के बाद हुई मुलाकात से संकेत मिलता है कि संवाद के रास्ते खुले हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चर्चा बिहार की राजनीति, विपक्ष की रणनीति और भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं पर केंद्रित थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये बातचीत किसी औपचारिक सहयोग में तब्दील हो पाएगी या नहीं।
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