Saturday, March 15, 2025
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बजट 2025: इलेक्ट्रिक वाहन हो जाएंगे सस्ते! बजट में लिथियम बैटरी और नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन को लेकर बड़ा ऐलान

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केंद्रीय बजट 2025: पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की तीसरी पारी का पहला पूर्ण बजट आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया। इस बार बजट में किसानों, महिलाओं, शिक्षा, चिकित्सा, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त लिथियम आयरन बैटरी के विनिर्माण के लिए छूट भी शामिल है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होने की उम्मीद है। 

बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लिथियम आयरन बैटरी स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को छूट दी जाएगी।’ इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम-आयरन बैटरी के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त वस्तुओं को सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी।  

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन को मजबूत बनाना

इस बार बजट में किसानों, महिलाओं, शिक्षा, चिकित्सा, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के साथ-साथ विनिर्माण क्षेत्र के लिए भी उपायों की घोषणा की गई है। सरकार की मेक इन इंडिया योजना को और बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने घोषणा की कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन को और मजबूत किया जाएगा, जिसका लाभ ऑटो सेक्टर को भी मिलेगा। 

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा कि ‘हमारी सरकार राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करेगी।’ जिसमें बड़े, मध्यम और लघु उद्योग शामिल होंगे। यह मिशन केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों दोनों के लिए नीति समर्थन, कार्यान्वयन रोडमैप के साथ-साथ शासन और निगरानी ढांचा प्रदान करेगा। 

उन्होंने कहा कि यह मिशन जलवायु अनुकूल विकास के साथ-साथ पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए स्वच्छ तकनीक विनिर्माण को भी बढ़ावा देगा। इस योजना का लक्ष्य घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार लाना है। इसमें सौर पीवी सेल, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी, मोटर, नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइजर, पवन टर्बाइन, उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन और ग्रिड स्केल बैटरी के विनिर्माण को समर्थन देना शामिल है।  

स्टार्ट-अप के लिए 20 करोड़ का ऋण

इस बार बजट में स्टार्ट-अप्स को भी बड़ी सौगात मिली है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि स्टार्टअप्स के लिए ऋण राशि की सीमा अब बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है। जो अब तक 10 करोड़ तक सीमित था। यह सहायता स्टार्ट-अप सेक्टर के 27 अलग-अलग क्षेत्रों में दी जाएगी। इसका बड़ा लाभ देश के ऑटो सेक्टर में भी देखने को मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में देश में कई नए स्टार्ट-अप्स आए हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री से जुड़े हैं। 

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