आम बजट 2025 के पेश होने से पहले टैक्सपेयर्स की निगाहें आयकर व्यवस्था में संभावित बदलावों पर टिकी हुई हैं। खासतौर पर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद है। इस बीच, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के एक नए टैक्सेशन प्रस्ताव ने चर्चा को और तेज कर दिया है।
अगर सरकार इस सुझाव को स्वीकार कर लागू करती है, तो शादीशुदा जोड़ों को टैक्स में बड़ी राहत मिल सकती है।
क्या है ICAI का नया टैक्स प्रस्ताव?
ICAI ने सरकार को शादीशुदा जोड़ों के लिए ‘जॉइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग’ का विकल्प देने की सिफारिश की है। इसका मतलब यह होगा कि पति-पत्नी को अलग-अलग रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे एक ही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
ICAI के अनुसार, इस व्यवस्था से शादीशुदा जोड़ों को टैक्स में दोगुनी छूट मिल सकती है।
यह प्रणाली पहले से ही अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में लागू है, जहां मैरिड कपल्स को एक साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिलती है।
क्या होगा जॉइंट टैक्स रिटर्न का फायदा?
चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने X (ट्विटर) पर लिखा –
“अगर ICAI का यह सुझाव बजट 2025 में स्वीकार किया जाता है, तो शादीशुदा जोड़ों को बड़ी टैक्स छूट मिलेगी। वर्तमान में, 7 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय टैक्स-फ्री है। अगर शादीशुदा जोड़ों के लिए जॉइंट टैक्स रिटर्न लागू होता है, तो यह छूट बढ़कर 14 लाख रुपये हो सकती है!”
इसका मतलब यह होगा कि पति-पत्नी मिलकर ज्यादा टैक्स बचा पाएंगे और उनकी इनकम पर कम टैक्स लगेगा।
कैसा होगा नया टैक्स स्लैब?
ICAI ने इस प्रस्ताव के तहत टैक्स स्लैब में भी बदलाव करने की सिफारिश की है।
आय सीमा (रुपये में) | नया टैक्स प्रतिशत |
---|---|
6 लाख तक | कोई टैक्स नहीं |
6 लाख – 14 लाख | 5% टैक्स |
14 लाख – 20 लाख | 10% टैक्स |
20 लाख – 24 लाख | 15% टैक्स |
24 लाख – 30 लाख | 20% टैक्स |
30 लाख से अधिक | 30% टैक्स |
इसके अलावा, पति और पत्नी दोनों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा, जिससे कुल टैक्स देनदारी और कम होगी।
मौजूदा टैक्स व्यवस्था से कैसे अलग होगा यह सिस्टम?
वर्तमान में, पति और पत्नी को अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। लेकिन ICAI के इस प्रस्ताव के लागू होने पर:
जॉइंट फाइलिंग से टैक्स स्लैब में छूट मिलेगी।
दोगुनी टैक्स छूट के चलते ज्यादा बचत होगी।
ब्यूरोक्रेटिक प्रोसेस आसान हो जाएगा।
क्या सरकार इस प्रस्ताव को लागू करेगी?
अभी तक, सरकार की ओर से इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन अगर बजट 2025 में इस टैक्स सिस्टम को अपनाया जाता है, तो यह मध्यवर्गीय और नौकरीपेशा परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।
अब सभी की निगाहें 1 फरवरी 2025 को आने वाले केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं, जहां यह साफ होगा कि क्या शादीशुदा जोड़ों के लिए टैक्स में छूट की यह नई व्यवस्था लागू होगी या नहीं।