उत्तराखंड का हरिद्वार बुधवार को ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों से गूंज उठा। पखवाड़े भर चली कांवड़ यात्रा का समापन हो गया। लाखों श्रद्धालु सावन शिवरात्रि पर पवित्र नदी का जल लेने और शहर के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए गंगा तट पर उमड़ पड़े। मेला नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा जल लेने के लिए एक पखवाड़े के भीतर 4.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे।
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कनखल क्षेत्र में स्थित दक्षप्रजापति महादेव मंदिर परिसर में भगवाधारी भक्तों का तांता लगा रहा, जिसे भगवान शिव का ससुराल माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपने ससुर राजा दक्ष को दिए वचन का पालन करते हुए, भगवान शिव पूरे श्रावण मास कनखल में निवास करते हैं। कनखल के अन्य शिवालयों, जैसे दरिद्र भंजन, तिलभांडेश्वर, बिल्वेश्वर, नीलेश्वर और गौरीशंकर मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमोद डोभाल ने भी अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ हर की पौड़ी पर गंगा पूजा की। उन्होंने वहाँ से जल लेकर दक्ष मंदिर में जलाभिषेक किया और हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं द्वारा आयोजित कांवड़ मेले के निर्विघ्न समापन के लिए भगवान शिव का आभार व्यक्त किया। सावन शिवरात्रि पर शिव मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं।
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वाराणसी में, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विश्व भूषण मिश्रा ने कहा, “आज सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की जा रही है।” पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के जरिए विशेष निगरानी की जा रही है। इस बीच, संभल में करीब 46 साल बाद खोले गए प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।