अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ब्रिक्स में शामिल देशों से आने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगेगा। उनका सीधा आरोप है कि ब्रिक्स ग्रुप अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने में लगा हुआ है। इस ऐलान के बाद से कई देशों में हलचल मच गई है। व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग में जब ट्रंप से पूछा गया कि भारत, रूस, ब्राजील जैसे देशों पर टैक्स लगेगा? तो ट्रंप बोले कि अगर वे ब्रिक्स में हैं तो उन्हें निश्चित रूप से उन्हें 10 फीसदी भुगतान करना होगा क्योंकि ब्रिक्स की स्थापना हमें नुकसान पहुंचाने, हमारे डॉलर को गिराने के लिए की गई थी। दरअसल, ब्रिक्स कई देशों का एक ग्रुप है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका के अलावा इजिप्ट, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 11 देश हैं और ये सारे ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी की मुखालफत करते आए हैं और कहा कि ये वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के नियमों के खिलाफ है।
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आपको बता दें कि ब्रिक्स देश ग्लोबल जीडीपी का लगभग 40 प्रतिशत है और दुनिया की लगभग आधी आबादी इन्हीं के पास है तो ऐसे में आप समझ ही सकते हैं कि इनका रूतबा कितना ज्यादा है। ट्रंप प्रशासन अभी द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर जोर दे रहा है। अगर किसी देश ने अमेरिका के साथ डील फाइनल नहीं की तो एक अगस्त 2025 से नया टैरिफ लागू हो जाएगा। ट्रंप ने डॉलर को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि डॉलर तो किंग है, और हम उसे किंग ही रखेंगे। अगर कोई उसे चुनौती देना चाहे तो दे सकता है, लेकिन उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और मुझे नहीं लगता कि कोई वो कीमत चुकाने को तैयार है। टैरिफ को लेकर हमेशा से 1 अगस्त की डेडलाइन रही है। दूसरे देश तो उल्टे-सीधे टैरिफ लगाते रहे हैं। मैंने उन देशों को फोन किया और अब सभी देश हमें सब कुछ देने को तैयार हैं। सालों से वे हमें लूटते आ रहे थे और कोई राष्ट्रपति था ही नहीं जो ये सब समझे।
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ट्रंप ने अपने एक नए कार्यकारी आदेश के तहत दर्जनों देशों पर टैरिफ (आयात कर) बढ़ाने की तारीख 1 अगस्त तक टाल दी है, जिससे वैश्विक बाजारों को कुछ राहत मिली है। लेकिन इसी आदेश में उन्होंने बांग्लादेश से आयातित उत्पादों पर 35 प्रतिशत और जापान, साउथ कोरिया पर 25% टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है। ट्रंप ने दुनिया के 14 देशों को अपना साइन किया हुआ ट्रेड लेटर भेजते हुए टैरिफ बम फोड़ा है। सबसे पहले लेटर जापान और साउथ कोरिया को भेजा गया, जिनपर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है, तो वहीं म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान और मलेशिया से आयात होने वाले उत्पादों पर नए सिरे से टैरिफ का ऐलान किया गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि जापान और साउथ कोरिया के साथ ट्रेड बैलेंस (व्यापार संतुलन) लगातार अमेरिका के खिलाफ है, इसलिए यह फैसला जरूरी था।
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इन 14 देशों की लिस्ट में भारत का नाम कहीं नहीं था। लेकिन अब ब्रिक्स देशों पर टैरिफ बम फोड़ते हुए ट्रंप ने सीधे तौर पर कह दिया है कि भारत भी इसमें शामिल है तो हमें उस पर भी एक्शन लेना होगा। सबसे बड़ी बात ये है कि ब्रिक्स देशों में करेंसी को लेकर एक माहौल तैयार हुआ। भारत ने न तो पहल की और न ही समझौता किया। न ही हामी भरी। लेकिन चूंकि वो ब्रिक्स का हिस्सा है, इससे ट्रंप खासे नाराज बताए गए। भारत और अमेरिका के बीच की ट्रेड डील को लेकर हाल के दिनों में बात तेजी से आगे बढ़ी। लेकिन कृषि और डेयरी फर्म जैसे मुद्दों पर पेंच फंसा। चावल, गेहूं और जेनेटिक मोडिफाइड फसलों पर किसी भी किस्म कि रियायत से इनकार कर दिया गया था। लेकिन खबर मिल रही है कि ट्रंप इस बात पर राजी हो गए हैं।