मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पटना में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों की समीक्षा के बाद कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) कार्य को देश भर के लिए ‘अनुकरणीय’ बताते हुए बिहार के 90,217 बूथ स्तरीय अधिकारियों की सराहना की।
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है और चुनाव उससे पहले होंगे।
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चुनाव आयोग की मुख्य घोषणाएं
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने आगामी चुनावों के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं, जो बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होंगे।
1. ईवीएम और मतपत्र में बदलाव: अब ईवीएम में उम्मीदवार की तस्वीर ब्लैक एंड व्हाइट के बजाय रंगीन होगी, ताकि चुनाव चिह्न के अलावा पहचान करना आसान हो सके। इसके अलावा मतपत्र पर सीरियल नंबर का फॉन्ट अब बड़ा किया जाएगा।
2. मतदान केंद्र और सुरक्षा: आयोग ने फैसला किया है कि अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। बिहार के हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की सुविधा होगी। बूथ-स्तरीय अधिकारियों को बेहतर पहचान के लिए पहचान पत्र जारी किए गए हैं। साथ ही, मोबाइल फोन को बूथ के बाहर एक कमरे में जमा करने की प्रक्रिया पूरे बिहार में लागू की जाएगी।
3. मतगणना नियमों में बदलाव: ईवीएम की गिनती के अंतिम दो राउंड से पहले डाक मतपत्रों की गिनती अनिवार्य होगी। पहले, फॉर्म 17सी और ईवीएम काउंटिंग यूनिट के डेटा में अंतर होने पर सभी वीवीपैट की गिनती होती थी। अब इस नियम को और स्पष्ट किया गया है।
4. डेटा उपलब्धता: चुनाव समाप्त होने के कुछ दिनों के भीतर ही, पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या तथा मतदान के आंकड़े अब ईसीआई-नेट पर डिजिटल इंडेक्स कार्ड के रूप में उपलब्ध होंगे।
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सीईसी ने लोगों को छट की बधाई दी
सीईसी ने बिहार के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा, ‘मैं बिहार के सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे लोकतंत्र के इस पर्व को उसी उत्साह के साथ मनाएं जैसे आप छठ मनाते हैं। सभी मतदान करें और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।’ उन्होंने मतदाताओं को सफल मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया के लिए भी बधाई दी।