उत्तराखंड भाजपा नेता आशा नौटियाल ने केदारनाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित की मांग की है। भाजपा नेता की इस टिप्पणी ने विवाद को जन्म दे दिया है। केदारनाथ विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गैर-हिंदू व्यक्ति धार्मिक स्थल की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
नौटियाल ने क्या कहा?
नौटियाल ने कहा, ‘कुछ गैर-हिंदू तत्व केदारनाथ धाम की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ लोग क्षेत्र में मांस, मछली और शराब परोस रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि यह उचित जांच के बाद ही पता चल सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ लोग ऐसा कुछ कर रहे हैं जिससे केदारनाथ धाम की छवि खराब हो सकती है, तो उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। वे निश्चित रूप से गैर-हिंदू हैं जो बाहर से आते हैं और धाम को बदनाम करने के लिए ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं।’
नौटियाल ने उल्लेख किया कि इस मामले पर हाल ही में प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने स्थानीय अधिकारियों और निवासियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान कुछ प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि कुछ गैर-हिंदू व्यक्ति केदारनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव रखा गया कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए।
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नौटियाल पर हरीश रावत को पलटवार
नौटियाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘सनसनीखेज टिप्पणी करना भाजपा नेताओं की आदत है। उत्तराखंड एक ‘देवभूमि’ है और आप कब तक हर चीज को धर्म से जोड़ेंगे? वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास लोगों को बताने के लिए कुछ नहीं है।’
चार धाम यात्रा 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर शुरू होगी, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।