Saturday, December 27, 2025
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बेटियों, लिव-इन से बचो! राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शोषण पर जताई चिंता

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक बार फिर विवादों को जन्म दे दिया है जब उन्होंने युवतियों को लिव-इन रिलेशनशिप के खतरों के बारे में कड़ी चेतावनी दी है और उन्हें आगाह किया है कि ऐसे फैसले दुखद परिणाम दे सकते हैं। वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, पटेल ने छात्राओं से अपने निजी फैसलों पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “बेटियों को अपने हर कदम पर सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। लिव-इन रिलेशनशिप और ऐसे हालात से दूर रहें जो शोषण का कारण बन सकते हैं।”
 

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ज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति राज्यपाल ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और छात्राओं से अपने निजी जीवन में समझदारी से निर्णय लेने का आग्रह किया। एक बयान के अनुसार उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों को अपने निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए। वे लिव-इन-रिलेशनशिप जैसी परिस्थितियों से दूर रहें। समाज में ऐसे तत्वों से सतर्क रहें जो उनका शोषण कर सकते हैं। 
आनंदीबेन पटेल ने लिव इन रिलेशन को लेकर कहा कि अनाथालाय के बाहर 15-20 साल की बेटियां एक-एक साल का बच्चा लेकर खड़ी हैं। पटेल ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और बताया कि उन्होंने कई पीड़ित लड़कियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है, जिनमें से प्रत्येक की कहानी बेहद दर्दनाक है। उन्होंने आगे बताया कि न्यायपालिका के सदस्यों ने भी चिंता व्यक्त की है और विश्वविद्यालयों द्वारा जागरूकता फैलाने और युवतियों को शोषण का शिकार होने से बचाने में मदद करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
 

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राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनसे बचाव और जनहानि को कम करने के लिए अनुसंधान व शोध कार्य करना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण की रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलन बनाए रखने के लिए जैविक कृषि अपनाने पर जोर दिया। पटेल ने 34,252 छात्राओं और 21,387 छात्रों समेत 55,642 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधियां प्रदान कीं। इसके अलावा उन्होंने 11,484 छात्राओं और 11,484 छात्रों समेत 15,321 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की उपाधियां दीं। दीक्षांत समारोह में 178 शोधार्थियों को पी.एच.डी. की उपाधियां और 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
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