Tuesday, December 30, 2025
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बॉर्डर पर उतरे 30000 सैनिक, अफगानिस्तान को धमकी देते ही भारत ने मचाया ऐसा धमाल, पाकिस्तान में हड़कंप

भारत ने 30 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक चलने वाली एक ट्राई सर्विस मिलिट्री एक्सरसाइज की घोषणा कर दी है। जिसका नाम है त्रिशूल। इसमें भारतीय आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों मिलकर हिस्सा ले रहे हैं। यानी जमीन, आसमान और समुंदर तीनों मोर्चों पर एक साथ भारत अपनी ताकत दिखाने जा रहा। यह एक्सरसाइज राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तान से होकर गुजरात के कक्ष और अरब सागर तक फैली हुई। कुल इलाका करीब 600 कि.मी. लंबा स्ट्रेच है। रेगिस्तान, दलदली जमीन और समुद्री क्षेत्र तीनों तरह के टेरेन में एक साथ अभ्यास। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार करीब 3,000 सैनिक इस एक्सरसाइज में शामिल होंगे। यह कोई रूटीन ट्रेनिंग नहीं। यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज मानी जा रही। आर्मी के टैंक और आर्टिलरी यूनिट्स, एयरफोर्स की सुखोई और राफेल फाइटर जेट्स और नेवी की वॉरशिप सबको एक साथ जोड़कर कंबाइंड ऑपरेशन किया जाएगा। इसका टारगेट है तीनों सेनाओं के बीच जॉइंट कोऑर्डिनेशन बढ़ाना। नई तकनीकों जैसे कि ड्रोन वॉरफेयर,इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर को टेस्ट करना और असली युद्ध जैसी स्थिति में तीनों सेनाओं का एकीकृत रिस्पांस तैयार करना। एक्सरसाइज सिर्फ जमीन तक सीमित नहीं है।

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अरब सागर के कारवार नेवल बेस के पास भारतीय नेवी ने एक नो सेल जोन घोषित किया है। 115 नॉटिकल माइल लंबा और और 50 नॉटिकल माइल चौड़ा समुद्री क्षेत्र। यहां बताया गया है कि ऑटोनॉमस सिस्टम का ट्रायल चल रहा है। यानी ऐसे अंडर वाटर व्हीकल जो खुद से दुश्मन की पनडुब्बी माइन और मूवमेंट ट्रैक कर सकते हैं। यानी सीधा मतलब भारत अब अगले जनरेशन के नेवल वॉरफेयर सिस्टम तैयार कर रहा है।  पाकिस्तान अंदर से हिल चुका है। इस साल पहले एक 6 महीने में ही 25,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक टीटीपी, बीएलए जैसे आतंकी गतिविधि में मारे जा रहे हैं। तहरीकलबैक पाकिस्तान के विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग मारे गए। देश में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है। अब ऐसे समय में जब अंदरूनी हालत बेकाबू है। बाहर से भारत और अफगानिस्तान दोनों तरफ से दबाव पाकिस्तान को सैंडविच बना दिया है। 

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तालिबान के हाथों पाकिस्तान को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है। तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 15 घंटे से ज्यादा चली शांति वार्ता आखिरकार बेनतीजा रही। घंटों की माथा पच्ची के बाद भी कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पाया। इस्लामाबाद ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान पर हमले हो रहे हैं। तालिबान शासन इन आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जवाब में तालिबान ने साफ कहा कि पाकिस्तान को पहले खुद अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों से निपटना चाहिए। पाकिस्तान के आरोप निराधार है। अफगानिस्तान किसी के लिए खतरा नहीं है और किसी भी देश के लिए उनकी मंशा खराब नहीं है। 

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच इस तरह की वॉर एक्सरसाइज आम बात हो गई है, जिसमें दोनों देश सैन्य अभ्यास के लिए सीमाओं पर नोटम जारी करते रहे हैं। त्रिशूल अभ्यास 28,000 फीट की ऊँचाई तक फैला है। पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किए गए इस अभियान के दौरान, सशस्त्र बलों ने एक संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया और 11 सैन्य ठिकानों और हवाई ठिकानों को निशाना बनाया।
 
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