अमेरिका के भारत में नए नियुक्त राजदूत सर्जियो गोर आज अपने चार दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। यह उनका पहला आधिकारिक दौरा होगा। वॉशिंगटन डीसी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गोर ने अपने इस दौरे की जानकारी दी।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि राजदूत सर्जियो गोर और डिप्टी सेक्रेटरी माइकल जे. रिगास 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे। इस दौरान दोनों भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बयान में कहा गया, “अमेरिका और भारत अपने रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम जारी रखेंगे।”
सर्जियो गोर की नियुक्ति उस समय हुई है जब भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत लगातार जारी है। अमेरिकी सरकार में इस समय शटडाउन की स्थिति है, जिसके चलते वार्ता की अगली तारीख और जगह को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में दोहा में कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है और उम्मीद है कि नवंबर तक समझौते की पहली रूपरेखा तय हो सकती है। उन्होंने कहा, “हम अमेरिका से लगातार बातचीत कर रहे हैं। अलग-अलग स्तरों पर बैठकें चल रही हैं और जल्द ही इस दिशा में और जानकारी साझा की जाएगी।”
पिछले महीने न्यूयॉर्क में हुई बैठक के दौरान सर्जियो गोर, गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीयर के बीच भी अहम चर्चाएं हुई थीं। लेकिन अब अमेरिकी प्रशासन के बंद होने से वार्ता की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई है।
दरअसल, अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% तक का भारी शुल्क लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। ऐसे समय में सर्जियो गोर का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है। गोर, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं, ने कई बार भारत को अमेरिका का “सबसे विश्वसनीय सहयोगी” बताया है। उनका कहना है कि भारत-अमेरिका के मजबूत आर्थिक रिश्ते न केवल दोनों देशों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएंगे बल्कि चीन के आर्थिक प्रभाव को भी सीमित करेंगे।
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारत से 86.5 अरब डॉलर का निर्यात हुआ।
अब दोनों देश इस आंकड़े को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखे हुए हैं। माना जा रहा है कि सर्जियो गोर का यह दौरा न सिर्फ राजनीतिक स्तर पर बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकता है।