अमेरिका भारत को कभी आगे बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहता। अमेरिका भारत के साथ कभी ट्रेड डील नहीं करेगा। ये बात खुद अमेरिका से ही उठी है और एक अमेरिकी अर्थशास्त्री ने ट्रंप के प्लान की पूरी पोल पट्टी दुनिया के सामने खोल कर रख दी है। उन्होंने ट्रंप के गंदे प्लान का भी खुलासा किया है और कहा है कि उनका मकसद भारत को कमजोर करना है। भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर अपने विचार साझा करते हुए अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने दोनों देशों के बीच किसी सफल समझौते की संभावना पर गहरी शंका व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता करने में सफल हो जाता है तो उन्हें बहुत आश्चर्य होगा, क्योंकि अमेरिकी सरकार को भारत की प्रगति में कोई वास्तविक रुचि नहीं है और उसका उद्देश्य देश को कमजोर बनाए रखना है। अगर भारत अमेरिका के साथ कोई समझौता करने में कामयाब हो जाता है, तो मुझे बेहद हैरानी होगी। इस सरकार (राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की) को भारत की भलाई की कोई परवाह नहीं है।
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अगस्त में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंध एक ऐसे दौर में पहुँच गए हैं जिसकी बहुत कम लोगों ने कल्पना की थी, लेकिन सैक्स ने इसे आते हुए देखा था। कभी कुछ लोगों द्वारा अतिशयोक्तिपूर्ण बताकर खारिज की गई उनकी चेतावनी अब आज की सुर्खियों से अजीब तरह से मिलती-जुलती लगती है। ट्रंप प्रशासन ने अपने रुख, प्रतिबंधों, रूस के साथ भारत के तेल व्यापार की आलोचना करने वाली सार्वजनिक टिप्पणियों और भारत-पाकिस्तान गतिरोध पर बार-बार दबाव बनाने को कोई रहस्य नहीं बनाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये कदम भारत की स्वायत्तता को कम करते हैं और संप्रभु कूटनीति के ढांचे को चुनौती देते हैं।
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2014 में नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तो उसके बाद से भारत के संबंध अमेरिका से दिनों दिन बेहतर होते चले गए। व्यापार भी ठीक ठाक बढ़ता गया। भारत ने रूस से अपनी दोस्ती पर कोई आंच नहीं आने दी। ये बात भले ही अमेरिका को पसंद न आई हो लेकिन इसका असर भारत अमेरिका संबंधों पर नहीं पड़ा। हालांकि पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित हमला हुआ और 26 बेगुनाहों का खून बहाया तो उसके बाद भारत ने उसका जवाब ऑपरेश सिंदूर के जरिए दिया। इसके बाद से ही पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से ज्यादा तवज्यों मिलने लगी। आसिम मुनीर को लंप पर ट्रंप की तरफ से बुलाया गया। इसके बाद ट्रंप लगातार ये कहते रहे कि सीफायर मैंने करवाया। 30 बार ट्रंप ये कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर मैंने करवाया। ये बात भारत को पसंद नहीं आई और फिर पीएम मोदी ने सदन में कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने हमें रोका नहीं। हालांकि ट्रंप मानने वाले नहीं उसके बाद फिर उन्होंने कह दिया कि सीजफायर मैंने करवाया।
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ये बात समझ में आ गई कि ट्रंप बार बार ये बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भारत के साथ ट्रेड डील कर सके। लेकिन अब अमेरिकी अर्थशास्त्री ने कह दिया है कि ट्रंप भारत के साथ कभी ट्रेड डील करेंगे ही नहीं। ट्रंप भारत को कमजोर करना चाहते हैं। अभी बीती रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत की ओर से अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे। उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद और वैश्विक बाजार में लाभ पर इसे कथित रूप से फिर से बेचने का हवाला दिया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने भारत पर यूक्रेन में चल रहे युद्ध की अनदेखी करते हुए रूसी कच्चे तेल की कीमतों में भारी छूट से बड़ा मुनाफ़ा कमाने का आरोप लगाया।