एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत को भारी भरकम टैरिफ ठोकने की धमकी दी गई है। इस बार कह दिया गया कि रूस से तेल व्यापार भारत ने बंद नहीं किया तो डोनाल्ड ट्रंप बड़ा कदम उठाएंगे। न सिर्फ भारी भरकम टैरिफ भारत पर ठोका जाएगा बल्कि कई प्रतिबंध लगाने के बारे में भी विचार किया जाएगा। इस धमकी का भारत की तरफ से भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया और कहा गया कि भारत भी अब कड़े कदम उठा सकता है। वो इन धमकियों से डरने वाला नहीं है। भारत सरकार ने जवाब तो दिया लेकिन इसी बीच भारत का पक्का दोस्त ढाल बनकर उतर आया है। रूस की तरफ से एक ट्रंप की जमीन हिलाने वाला कदम उठा दिया गया है। रूस की तरफ से ऐसी मिसाइल जिस पर प्रतिबंध लगा हुआ था, उसे हटाया गया। ये सीधे सीधे यूरोप की धड़कने बढ़ा रहा है। ये डोनाल्ड ट्रंप से सीधे सीधे युद्ध की चेतावनी की ओर इशारा कर रहा है। कयास ये लगाए जाने लगे हैं कि क्या रूस और अमेरिका के बीच सीधी जंग शुरू हो जाएगी?
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भारत और चीन पर टैरिफ़ बम फोड़ने और रूस से दोस्ती तोड़ने के अमेरिका के दवाब के बाद रूस ने बड़ा ऐलान किया। रूस ने इंटरमीडिएट और शॉर्टर-रेंज मिसाइलों की तैनाती पर लगाई गई रोक को हटाने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला अमेरिका द्वारा अपने दो न्यूक्लियर सबमरीन्स को रूसी तटों के पास तैनात करने के आदेश के बाद लिया गया। दरअसल, अमेरिका ने रूस के पास अपने परमाणु पनडुब्बियों को तैनात कर दिया था। अमेरिका और रूस के फैसले से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। ऐसे में अब रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा अब रूस खुद पर लगाई गई उन मोराटोरियम से बंधा नहीं महसूस करता जो इंटरमीडिएट और शॉर्टर-रेंज मिसाइलों की तैनाती को लेकर थीं।
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यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रूस ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि वह इस मोराटोरियम को खत्म कर सकता है। अब इस बड़े फैसले से अमेरिका में हड़कंप मच गया है। पुतिन ने संकेत दिया था कि 2025 की दूसरी छमाही में रूस अपनी ओरशनिक इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल बेलारूस में तैनात कर सकता। ये सीधा सीधा यूरोप के लिए खतरे की घंटी है। रूस के फैसले से उसे खासतौर से लैंड-बेस्ड शॉर्ट रेंज मिसाइलें तैनात करने की छूट मिल गई है, जो यूरोप और एशिया को निशाना बना सकती है।
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आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत की ओर से अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे। उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद और वैश्विक बाजार में लाभ पर इसे कथित रूप से फिर से बेचने का हवाला दिया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने भारत पर यूक्रेन में चल रहे युद्ध की अनदेखी करते हुए रूसी कच्चे तेल की कीमतों में भारी छूट से बड़ा मुनाफ़ा कमाने का आरोप लगाया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा भारत की आलोचना पर कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत को निशाना बनाया है। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई जिस कारण भारत ने रूस से तेल आयात करना शुरू किया।