वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत में जीवन और सामान्य बीमा (लाइफ और नॉन-लाइफ इंश्योरेंस) दोनों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई। इकोनॉमिक सर्वे 2025 के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला इंश्योरेंस मार्केट बन सकता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से मिडिल क्लास की बढ़ती संख्या, डिजिटल तकनीकों का विस्तार और अनुकूल सरकारी नीतियों के कारण हो रही है।
लाइफ इंश्योरेंस में जोरदार ग्रोथ
वित्त वर्ष 2024 में भारत के लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर की कुल प्रीमियम इनकम 8.3 लाख करोड़ रुपये रही, जो कि पिछले वर्ष (7.8 लाख करोड़ रुपये) की तुलना में 6.1% अधिक है। इस ग्रोथ में दो कारकों की अहम भूमिका रही:
- रिन्यूअल प्रीमियम – इसमें 54.4% का योगदान रहा।
- नए बिजनेस प्रीमियम – कुल इनकम का 45.5% हिस्सा इस सेगमेंट से आया।
इसके अलावा, बीमा कंपनियों ने 5.8 लाख करोड़ रुपये के लाभ (बेनिफिट्स) वितरित किए। वहीं, डेथ क्लेम के रूप में 42,284 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
नॉन-लाइफ इंश्योरेंस में भी बंपर वृद्धि
हेल्थ और मोटर इंश्योरेंस जैसे नॉन-लाइफ सेगमेंट में भी बड़ी वृद्धि देखी गई। नेट क्लेम सेटलमेंट 1.72 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे पता चलता है कि अधिक लोग अब बीमा का लाभ उठा रहे हैं।
भारत का इंश्योरेंस सेक्टर: अपार संभावनाएं बाकी
स्विट्जरलैंड की एक रिसर्च संस्था के अनुसार, 2024 से 2028 के बीच भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में 11.1% की वार्षिक वृद्धि होने का अनुमान है। हालांकि, भारत में इंश्योरेंस कवरेज अभी सिर्फ 3.7% है, जो कि ग्लोबल औसत 7% से काफी कम है।
यानी, भारत में इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अभी भी काफी संभावनाएं मौजूद हैं। बीमा कंपनियां अब टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।