अभी तक डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ चालाकी करते नजर आ रहे थे। बार बार राग अलापते थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर मैंने करवाया है। महान बनने के लिए और नोबेल पुरस्कार पाने के लिए ट्रंप बार बार झूठ बोल रहे थे। लेकिन अब ट्रंप के जैसी ही हरकत व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कर डाली है। उन्होंने सीधा सीधा ट्रंप के बयान को ही दोहराया और कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच जो सीजफायर हुआ है वो ट्रंप के व्यापारिक समझौते पर दबाव बनाने को लेकर हैं। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगभग रोज ये दावे किए जाते थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने सीजफायर करवाया। हालांकि हरेक बार भारत की तरफ से ट्रंप के दावे का खंडन किया गया। पीएम मोदी ने लोकसभा में खड़े होकर साफ शब्दों में कहा कि दुनिया के किसी देश ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर नहीं करवाया है।
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ट्रंप फिर भी अपनी आदतों से नहीं बाज आए और अपनी इस बात को दोहराने के लिए अपने कुनबे को भी मैदान में उतार दिया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट जिनके होठों की तारीफ करते हुए बीते दिनों ट्रंप ने मशीनगन बता दिया था। उन्हीं कैरोलिन लेविट ने भारत पाकिस्तान सीजफायर पर बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान की खूब चर्चा हो रही है। कैरोलिन लेविट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर के दावे को फिर से दोहरा दिया है। ट्रंप ने ट्रेड को शक्तिशाली ढाल के रूप में इस्तेमाल कर भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को खत्म कर दिया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव का कहना है कि भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए उन्होंने ट्रेड का बहुत शक्तिशाली तरीके से इस्तेमाल किया।
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कैरोलिना लेविट ने कहा कि मुझे पता है कि वे इन सभी उपलब्धियों पर बहुत गर्व महसूस करते हैं और मैं जानती हूं कि वो अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने और विश्व में शांति बहाल करने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं। अब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव किस बात पर ट्रंप को गर्व महसूस करा रही हैं। भारत को ट्रंप को बार बार बेनकाब कर चुका है। खुद पीएम मोदी ने भी संसद से खड़े होकर ट्रंप को आइना दिखाने का काम किया था। भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर को को लेकर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की भूमिका नहीं है बल्कि खुद पाकिस्तान के कदमों के आगे गिड़गिड़ाया और भारत से माफी मांगता हुआ नजर आया। उसके बाद दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई और सीजफायर भारत की वजह से ही लागू हो पाया।