Thursday, November 13, 2025
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मजदूरों के नाम पर फर्जी बैंक खाते, 20 करोड़ की साइबर ठगी: चीन-कंबोडिया लिंक का भंडाफोड़

नागपुर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कथित तौर पर 21 भारतीय राज्यों में लोगों को ठग रहा था। चीन और कंबोडिया से गहरे संबंध रखने वाला यह गिरोह कई महीनों से कई राज्य पुलिस बलों की नज़र में था। जानकारी के अनुसार, नागपुर पुलिस ने 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंघल के अनुसार, यह कार्रवाई हाल के वर्षों में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई में से एक है। 20 करोड़ रुपये से ज़्यादा का अवैध नकद लेनदेन अनजान व्यक्तियों के नाम पर खोले गए कई फ़र्ज़ी खातों के ज़रिए किया गया।

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जालसाज़ों ने पीड़ितों के दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके बैंक खाते खोले

इस गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद जटिल और भ्रामक थी। आरोपी, व्यापारिक साझेदारी शुरू करने के बहाने दिहाड़ी मज़दूरों और बेरोज़गार युवाओं से संपर्क करते थे। वे उनका विश्वास जीतते थे और उनके आधार और पैन कार्ड की जानकारी इकट्ठा कर लेते थेइन दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके, वे बिना किसी अवैध लेनदेन की जानकारी के, उनके नाम से बैंक खाते खोल लेते थे। फिर इन खातों का इस्तेमाल हवाला, ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी और सट्टेबाजी से जुड़े बड़े पैमाने पर धन हस्तांतरण के लिए किया जाता था। अनजाने में अपनी पहचान बताने के लिए खाताधारकों को 2,000 रुपये से 25,000 रुपये तक का छोटा कमीशन दिया जाता था।

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टेलीग्राम नेटवर्क के ज़रिए विदेश में धन हस्तांतरित

यह गिरोह अपनी गतिविधियों के समन्वय के लिए टेलीग्राम और अन्य एन्क्रिप्टेड संचार माध्यमों का इस्तेमाल करता था। इन किराए के खातों में धन जमा होने के बाद, इसे अवैध माध्यमों से तेज़ी से विदेश – मुख्यतः कंबोडिया और चीन – स्थानांतरित कर दिया जाता था। पुलिस आयुक्त डॉ. सिंघल ने खुलासा किया कि गोंदिया ज़िले के एक जागरूक नागरिक ने अपने खाते में 1.73 करोड़ रुपये जमा होने की सूचना मिलने पर पुलिस से संपर्क किया। इस सूचना के आधार पर इस बड़े रैकेट का पर्दाफ़ाश हुआ। इसके बाद नागपुर क्राइम ब्रांच ने पूरे नेटवर्क का पता लगाया और बड़ी संख्या में मोबाइल फ़ोन, सिम कार्ड और 54 लाख रुपये नकद ज़ब्त किए।

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