मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य में पिछले साल से जारी जातीय हिंसा को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद, सिंह ने जनता से माफी मांगी और कहा कि यह साल राज्य के लिए बेहद मुश्किल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
इस्तीफे में क्या कहा गया?
अपने इस्तीफे में, सिंह ने मणिपुर के लोगों की सेवा करने को अपने लिए सम्मान की बात बताया और केंद्र सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, सीमा पर घुसपैठ रोकने, नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखने और एमएफआर की एक मजबूत प्रणाली लागू करने का आग्रह किया।
दबाव में थे बीरेन सिंह
मई 2023 से राज्य में जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं। नवंबर में तीन महिलाओं और उनके बच्चों की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई थी। लगातार हिंसा के चलते बीरेन सिंह पर भारी दबाव था और उन्हें पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी। एनडीए की सहयोगी एनपीपी ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
Manipur CM N Biren Singh hands over the letter of resignation from the post of Chief Minister to Governor Ajay Kumar Bhalla at the Raj Bhavan in Imphal. pic.twitter.com/zcfGNVdPPo
— ANI (@ANI) February 9, 2025
कैसे शुरू हुई हिंसा?
यह हिंसा पिछले साल 3 मई को तब शुरू हुई, जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी। इस आदेश में मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है।
इस इस्तीफे के क्या मायने हैं?
बीरेन सिंह का इस्तीफा मणिपुर में जारी संकट का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह देखना होगा कि इस इस्तीफे के बाद राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।