मध्यप्रदेश के मंडला जिले में हाल ही में नक्सल रोधी अभियान के दौरान मारा गया एक व्यक्ति नक्सली नहीं बल्कि आदिवासी था। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया कि वह (मारा गया व्यक्ति) निर्दोष था।
कांग्रेस ने घटना की उच्च स्तरीय और न्यायिक जांच की मांग की। अधिकारियों ने बताया कि हिरन सिंह पार्थ (38) नाम का व्यक्ति बैगा समुदाय से ताल्लुक रखता था, जो विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ नौ मार्च को हुई थी और मारे गये व्यक्ति की पहचान बृहस्पतिवार को हो पाई।
बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजय कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पार्थ, जिले के खटिया इलाके में जंगल के अंदर नक्सलियों के साथ था।
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न्होंने बताया, “वह नक्सलियों के साथ कैसे था? यह जांच का विषय है। नक्सली अक्सर आदिवासियों के साथ घूमते हैं। हम जांच के बाद ही उसके (नक्सलियों के साथ) संबंध के बारे में कुछ कह सकते थे।”
शीर्ष अधिकारी ने बताया, “हमारे पास कोई सबूत नहीं है कि वह नक्सली था। वह लसारा टोला गांव का रहने वाला था।”
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के बाद नक्सलियों से संबंध रखने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया।